सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते का भ्रूण हटाने के लिए मेडिकल बोर्ड से मांगी राय

  • करनाल के सरकारी अस्पताल से एक हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
    नई दिल्ली, 02 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने 26 हफ्ते की गर्भवती 14 साल की लड़की का गर्भपात कराने की अनुमति देने की मांग पर करनाल के सरकारी अस्पताल को मेडिकल बोर्ड गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
    कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड से पूछा है कि क्या गर्भपात की इजाजत देने से लड़की की जान को खतरा तो नहीं होगा। पीड़ित लड़की का आरोप है कि उसके चचेरे भाई ने उसका रेप किया था। एमटीपी एक्ट के तहत बीस हफ्ते से ज्यादा के भ्रूण को हटाने की इजाजत नहीं है। भ्रूण को हटाने से पहले मेडिकल बोर्ड की स्वीकृति लेनी होती है।

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