-बीएसएफव बीजीबी की फ्लैग मीटिंग रद्द
अगरतला, 01 मार्च (हि.स.)। सीमा पार मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में दो भारतीय किसानों को बांग्लादेश में गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) के जवानों ने दो भारतीय किसानों को हिरासत में लिया, जब वे बांग्लादेश में सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे। बीजीबी ने उन्हें बांग्लादेश के मौलवी बाजार जिला के श्रीमंगल पुलिस थाने की पुलिस को सौंप दिया। दोनों किसानों की वापसी पर बीएसएफ और बीजीबी के बीच कोई बैठक नहीं होगी। बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी नवनीत कुमार मेहता ने कहा कि दोनों किसानों को बांग्लादेशी कानून के अनुसार निर्णय होगा। पुलिस ने कहा कि यह घटना खोवाई जिला के करंगीचरा और विद्याबिल सीमा क्षेत्रों में हुई।
खोवाई के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने कहा कि चार स्थानीय किसानों ने बीते शनिवार की सुबह करंगीचरा बीओपी के गेट नंबर 26 के जरिए कांटेदार तार की बाड़ के पार बीएसएफ से कृषि भूमि पर काम करने की अनुमति ली थी। हालांकि, दो किसान दोपहर को लौटने के बाद बीएसएफ को सूचित किया कि अन्य दो को बीजीबी ने हिरासत में ले लिया है। उनकी जानकारी के अनुसार, पूर्वी करंगीचरा के विद्याबिल क्षेत्र निवासी राजीव देवबर्मा और गुरुपद देवबर्मा को बीजीबी ने हिरासत में लिया था।
मामले की जांच के बाद बीएसएफ को बीजीबी से पता चला कि गिरफ्तार किए गए दो किसानों को बीजीबी ने बांग्लादेश में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। खोवाई जिला के पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि दोनों किसानों को भारतीय सीमा से बांग्लादेश में 300 मीटर तक ड्रग्स की तस्करी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
उन्होंने कहा कि बीजीबी ने किसानों को गिरफ्तार किया और मौलवीबाजार जिला के श्रीमंगल थाने की पुलिस को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि उसी दिन राजीव देववर्मा की पत्नी ने अपने पति से टेलीफोन पर बात की और आधार कार्ड की कॉपी भेजी। इस बीच, दो किसानों की वापसी के संबंध में आज शाम बीजीबी-बीएसएफ के आधिकारिक स्तर पर एक फ्लैग मीटिंग होने वाली थी जो रद्द हो गई है।
बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी नवनीत कुमार मेहता ने कहा कि बीजीबी ने गिरफ्तार किसानों को पुलिस को सौंप दिया है। इसी तरह, बांग्लादेश के कानून के अनुसार, उस देश की अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया है। नतीजतन, अब उनका बांग्लादेशी कानून के अनुसार निर्णय होगा। इसके मद्देनजर फ्लैग मीटिंग की जरूरत नहीं है। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है। किसान परिवारों की ओर से मिसिंग केस चंपाहौर थाने में दर्ज की गई है।