नैपीटॉ, 01 मार्च (हि.स.)। म्यांमार में रविवार को प्रदर्शनों के दौरान मारे गए 18 प्रदर्शनकारियों की मौत पर भारतीय दूतावास की ओर से संवेदना जताई गई है। साथ ही यह आग्रह किया गया है कि वह संयम रखें और बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से विवाद को सुलझा लें।
यूएन मानवाधिकार कार्यालय की ओर से कहा गया है कि रविवार को म्यांमार में पुलिस और सैन्यबलों ने शांतिप्रद प्रदर्शनाकारियों पर हमला कर दिया था। इस हमले में 18 प्रदर्शनकारिय़ों की मौत हो गई थी और 30 लोग घायल भी हुए हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में 01 फरवरी से सैन्य तख्तापलट होने के बाद यह सबसे घातक घटना है। म्यांमार की सेना के खिलाफ प्रदर्शन शनिवार को चौथे हफ्ते में प्रवेश कर गया है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शामदसानी की ओर से कहा गया है कि उन्हें शांतिप्रद प्रदर्शनाकारियों पर सेना के अत्याचार की खबर मिली है। साथ ही यंगून, दावेई, मंडाले, मीक, बागो, पोकोकू में सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलायी। इस दौरान आंसू गैस के गोले, फ्लैश बैंग और स्टन ग्रेनेड्स का प्रयोग किया गया।
इस बयान में प्रदर्शकारियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार की निंदा की गई है। साथ ही निवेदन किया गया है कि शांतिप्रद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल के प्रयोग को तत्काल रोक दिया जाए। यह भी कहा गया है कि लोगों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है और लोकतंत्र को फिर से बहाल करने का आग्रह किया गया है।
शामदसानी ने कहा कि सेना और पुलिस को लोगों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करनी चाहिए और हिंसा करने के कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।