पाकिस्तानी अखबारों सेः खुद महंगाई से त्रस्त लेकिन भारत के आर्थिक नुकसान की चिंता

नई दिल्ली, 01 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से शुक्रवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि किए जाने की खबर को काफी महत्व दिया है। अखबारों ने लिखा है कि पाकिस्तान में पेट्रोल 2.31 रुपये प्रति लीटर, डीजल 1.80 रुपये प्रति लीटर, मिट्टी का तेल 3.36 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस का दाम 16 रुपये प्रति किलो तक बढ़ाया गया है। 


समाचारपत्रों ने यह भी खबर दी है कि प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में पाकिस्तान में छोटे घरों के निर्माण के लिए बैंकों से 5-7 प्रतिशत की दर से लोन पर ब्याज लेने को कहा गया है। इमरान सरकार ने यह फैसला एक साल पहले लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए लिया था जिसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की चीन के विदेश मंत्री के साथ टेलिफोनिक बातचीत की खबर भी अखबारों ने दी है। खबरों में बताया गया है कि बातचीत में पाकिस्तान में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले के साथ-साथ पाकिस्तान अफगानिस्तान के बीच हुए व्यापार समझौता और अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए चल रही बातचीत पर विस्तार से चर्चा की गई है। 


इसके अलावा अखबारों ने पाकिस्तान में खैबरपख्तूनख्वा के किरक जिला में एक मंदिर को भीड़ के जरिए आग लगाने और तोड़फोड़ किए जाने मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद के करिए स्वतः संज्ञान लेने और सरकार से मामले की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में जमा कराने का आदेश देने से सम्बंधित खबर भी प्रमुखता से छापी है। अखबारों ने लिखा है कि इस मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी आला अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी है। इस मामले में अब तक 31 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 350 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पाकिस्तान के हिन्दू समाज के नेता डॉक्टर रमेश कुमार ने इस घटना के बाद चीफ़ जस्टिस से मुलाकात कर के उन्हें सारी जानकारी दी थी। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा जंग, रोजनामा खबरें ने अपने पहले पृष्ठ पर दी हैं।


रोजनामा खबरें ने भारत से संबंधित एक खबर काफी प्रमुखता से छापी है। खबर में बताया गया है कि भारत को इस वर्ष 110 खरब रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अखबार ने लिखा है कि आर्थिक मामलों के जानकारों ने बताया है कि भारत सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण यह बड़ा नुकसान हुआ है। भारत में पिछले एक महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के कारण भी सरकार को यह नुकसान उठाना पड़ा है। अखबार ने यह भी लिखा है कि मोदी सरकार की अल्पसंख्यकों के प्रति गलत नीतियों और उन्हें दबाने की कोशिश भी इस नुकसान की वजह बनी है।


रोजनामा औसाफ ने भारतीय कश्मीर के श्रीनगर से एक खबर दी है जिसमें बताया गया है कि भारतीय सेना के जरिए 3 कश्मीरी नवयुवकों एजाज मकबूल, अतहर मुस्ताक और जुबेर को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है। खबर में कहा गया है कि इन तीनों युवकों के परिवार वालों का कहना है कि उनके बच्चों पर किसी तरह का कोई आरोप पहले से नहीं था और ना ही बच्चों का किसी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का कोई रिकॉर्ड था। घर वालों ने दावा किया है कि शाम 4 बजे तक बच्चे परिवार वालों के सम्पर्क में थे मगर बाद में उनका मोबाइल बंद आने लगा था। अखबार ने यह भी लिखा है कि इन बच्चों के खिलाफ श्रीनगर और शोपिंया जिला के किसी भी थाने में ना तो पहले से कोई शिकायत दर्ज कराई गई है और ना ही उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट की गई है। अखबार ने यह भी लिखा है कि इस मामले को लेकर पूरे क्षेत्र में तनाव व्याप्त है और जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया जा रहा है और दुकानें व बाजार भी बंद हैं।

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