-झड़प में 70 बर्खास्त शिक्षक और 06 महिला पुलिस कर्मी समेत 17 घायल
अगरतला, 27 जनवरी (हि.स.) । आंदोलनकारी बर्खास्त शिक्षक भड़काऊ भाषण दे रहे थे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर धारा 144 लागू करने के अलावा कोई चारा नहीं था। हालांकि, स्थिति को देखते हुए धारा 144 को और 48 घंटों के लिए बढ़ाया जा रहा है। पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी डॉ शैलेश कुमार यादव ने बुधवार की शाम एक संवाददाता सम्मेलन में त्रिपुरा पुलिस का हवाला देते हुये ये बातें कही।
उन्होंने कहा कि बुधवार को बर्खास्त शिक्षकों के आंदोलन को रोकने की कोशिश करते हुए 87 लोग घायल हो गए। इनमें 70 बर्खास्त शिक्षक और 17 पुलिस कर्मी हैं। 17 पुलिस कर्मियों में से 06 महिला पुलिस कर्मी भी हैं। पश्चिम त्रिपुरा के जिलाधिकारी ने कहा कि खुफिया रिपोर्ट के अनुसार इस बात की प्रबल संभावना है कि आंदोलनकारी शिक्षकों का इरादा कल फिर हिंसक आंदोलन करना होगा। परिणामस्वरूप, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहली बार आज सुबह माइक द्वारा घोषणा की गई थी कि अगरतला म्यूनिसिपल क्षेत्र में धारा 144 जारी की जा रही है। लेकिन, बर्खास्त शिक्षक सिटी सेंटर के सामने से नहीं उठे। लिहाजा, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। त्रिपुरा पुलिस की एक लिखित रिपोर्ट के आधार पर अगरतल्ला म्यूनिसिपल क्षेत्र में धारा 144 जारी की गई है। इसमें यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आंदोलनकारी एक हिंसक आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
खुफिया रिपोर्ट के बारे में एआईजी लॉ एंड ऑर्डर सुब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि संयुक्त मंच के नेता पिछले कुछ दिनों से भड़काऊ भाषण दे रहे थे। उन्होंने 26 जनवरी की शाम को मशाल जुलूस में सभी हदें पार कर दीं। उन्होंने उस जुलूस से हिंसक आंदोलन की चेतावनी दी थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट संदेश दिया कि कानून और व्यवस्था का उल्लंघन हो सकता है। उन्होंने कहा कि उस भाषण के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट को एक रिपोर्ट सौंपी गई है।
उन्होंने कहा, बर्खास्त शिक्षकों के नेता बिजय कृष्ण साहा पिछले कुछ दिनों से भड़काऊ भाषण दे रहे थे। लिहाजा, उन्हें आज गिरफ्तार कर लिया गया है। यही नहीं बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ आंदोलन के नाम पर हिंसा फैलाने को लेकर दो मामले दर्ज किए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा, आज की घटना में बर्खास्त शिक्षकों ने 4 वाहनों में तोड़फोड़ की है। उन्होंने एक बस में तोड़फोड़ भी किया है। नतीजतन, पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। धारा 144 के लागू होने के बाद किसी भी तरह से एक से अधिक लोगों का इकट्ठा होना कानूनी रूप से दंडनीय है। आंदोलनकारियों ने स्वयं कानून तोड़ा है। उन्होंने दावा किया कि खुफिया रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि वे कल एक हिंसक आंदोलन के रूप में सड़कों पर उतरेंगे। इसलिए, धारा 144 को अगले 48 घंटों के लिए बढ़ा दिया गया है।
घटना में घायल लोगों के बारे में आईजीएम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा, “हर कोई सामान्य घायल हुए है।” प्रारंभिक उपचार के बाद अस्पताल से छोड़ दिया गया। केवल 9 लोगों को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उनकी हालत स्थिर है।