न्यूयॉर्क 27 जनवरी (हि. स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन प्रशासन ने एच1बी वीजा को लेकर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए कामगारों के जीवनसाथी के लिए बड़ी राहत दी है। बाइडन प्रशासन ने एच 1बी वीजा धारकों के जीवनसाथी के अमेरिका में काम करने की अनुमति दे दी है।
ट्रंप सरकार ने विदेशी श्रमिकों को अमेरिका से बाहर रखने और अमेरिकी लोगों को अधिक नौकरी देने के वादे के साथ ही इसे देश हित में बताते हुए रोक लगा दी थी। एच 1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को एच-4 वीजा के तहत अमेरिका में काम करने की अनुमति ओबामा प्रशासन द्वारा प्रदान की गई थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने कथित तौर पर एक एजेंडे के तहत इसे समाप्त करने की कोशिश की।
बता दें कि एच 1बी वीजा धारकों के जीवनसाथियों को जारी किया जाता है। वीजा धारकों में अधिकतर उच्च कौशल वाली भारतीय महिलाएं शामिल हैं। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाएं (यूएससीआईएस) विभाग द्वारा एच-4 वीजा, एच 1बी वीजा धारकों के परिवार के सदस्यों (जीवन साथी और 21 साल से कम उम्र के बच्चों) के लिए जारी किया जाता है। H-1B वीजा धारकों में अधिकतर भारतीय आईटी पेशेवर है। यह आमतौर पर उन लोगों को जारी किया जाता है, जो रोजगार के आधार पर स्थायी निवासी का दर्जा हासिल करना चाहते हैं। बाइडन प्रशासन के इस अहम फैसले से H 1B वीजा धारक कर्मचारियों को एच-4 वीजाधारक जीवनसाथियों को काम जारी रखने की अनुमति प्रदान कर दी है।
गौरतलब है कि अमेरिका में 60 सांसदों के एक समूह ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन से वीजा के संबंध में पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की एक नीति को बदलने का अनुरोध किया था। सांसदों ने एच-4 वीजा प्राप्त लोगों के दस्तावेज की वैधता की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था। उस वक्त उम्मीद की जा रही थी कि बाइडन H-1B सहित अन्य उच्च कौशल वीजा की सीमा बढ़ा सकते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न देशों के लिए रोजगार आधारित वीजा के कोटा को समाप्त कर सकते हैं। इन दोनों कदमों से हजारों भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा। ट्रंप प्रशासन की कुछ आव्रजन नीतियों से भारतीय पेशेवर बुरी तरह प्रभावित हुए थे।