बीजिंग, 18 जनवरी (हि. स.)। कोरोना महामारी के बीच जहां पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्ज की गई वहीं चीन की अर्थव्यवस्था में बढ़त देखने को मिला है। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले चीन की जीडीपी विकास दर 2.3 फीसदी रही है। साल के आखिरी तिमाही में ये दर 6.5 फीसदी रही वहीं तीसरी तिमाही में ये दर 4.9 फीसदी थी।
कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की परिस्थिति में 2020 के शुरुआती तीन महीने में चीन की अर्थव्यस्था 6.8 फीसदी तक गिर गई थी।
इन सबसे उपबरते हुए चीन का व्यापार और अर्थव्यवस्था फिर से एक बार पटरी पर लौटने लगी थी।
हालांकि कोविड-19 का असर अब तक बरक़रार है, देशभर में लगे शटडाउन और बंद पड़े कई मैन्युफ़ैक्चरिंग प्लांट ने अर्थव्यवस्था की विकास दर की रफ्तार को कम कर दिया है। वर्तमान जीडीपी के आंकड़े बीते 40 साल में चीन की सबसे धीमी विकास-दर दर्शाते हैं।
सोमवार को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक़ चौथी तिमाही में चीन के औद्योगिक उत्पादन में 7.3 फीसदी की बढ़त और रिटेल सेक्टर में 4.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
कई विश्लेषकों के मत हैं कि साल 2021 में अर्थव्यस्था और तेज़ी से आगे बढ़ेगी लेकिन इसके विपरीत चीन के सांख्यिकी ब्यूरो ने टिप्पणी की है कि “विदेश और देश में भयानक और जटिल परिस्थितियां पैदा हुई है, महामारी का ‘बड़ा असर’ पड़ा है।”
गुरुवार को सामने आए आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर महीने में चीन के निर्यात में उम्मीद से अधिक वृद्धि हुई क्योंकि दुनिया भर में कोरोनो वायरस के प्रकोप के दौरान ने चीनी सामानों की मांग को बढ़ी है. इसके अलावा चीन ने 2020 में कच्चे तेल, तांबा, लौह अयस्क और कोयले की रिकॉर्ड खरीदारी की है।