नई दिल्ली, 05 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के मामले में जेल में बंद उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया है। कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद के खिलाफ दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का मामला चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को करेगा।
26 दिसंबर, 2020 को क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। करीब 100 पेजों के इस चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी, 2020 को शाहीनबाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की साजिश रचने के लिए मीटिंग की। इस दौरान उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए। इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है। चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि युनाईटेड अगेंस्ट हेट नामक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया था, जिसके जरिये भी दिल्ली हिंसा की प्लानिंग की गई थी। इस ग्रुप के जरिये नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किए गए थे। यह ग्रुप राहुल राय ने बनाया था।
पिछले 24 नवंबर को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17, और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 109, 124ए, 147,148,149, 153ए, 186, 201, 212, 295, 302, 307, 341, 353, 395, 419, 420, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 43 के अलावा आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं।