त्रिपुरा में सीमा पार गाय चोरी की कोशिश में हमला, एक भारतीय की मौत, तीन बांग्लादेशी नागरिक भी भीड़ के हमले में मारे गए, बांग्लादेश सरकार ने निष्पक्ष जांच की मांग की

अगरतला, 17 अक्टूबर : त्रिपुरा के खोवाई जिले में बुधवार को हुई एक हिंसक झड़प में तीन बांग्लादेशी गाय तस्कर भीड़ के हमले में मारे गए। जबकि दो भारतीय नागरिकों पर चाकू से हमला किया गया, जिनमें से एक की मौत हो गई। घटना के बाद इलाके में तनाव व्याप्त है। बांग्लादेश सरकार ने इस मामले में भारत से निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्ण जांच की मांग की है।

खोवाई जिला पुलिस अधीक्षक रणादित्य दास के अनुसार, बुधवार सुबह चंपाहौर थाना क्षेत्र के विद्याबिल गांव के दो स्थानीय व्यक्ति रबर के बागान में काम करने गए थे, जहाँ उन्होंने तीन संदिग्ध व्यक्तियों को छिपे हुए देखा। पूछताछ करने पर उन तीनों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। दोनों ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से मिथुन तेलेंगा नामक एक रबर मजदूर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया। सैकड़ों लोग सीमा की ओर दौड़ पड़े और भागने की कोशिश कर रहे तीनों संदिग्ध बांग्लादेशी तस्करों को पकड़ लिया। गुस्साई भीड़ ने उनकी पिटाई कर दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर तीनों शवों को बरामद किया और खोवाई जिला अस्पताल भेजा। पुलिस ने उनके पास से दरांती और भाला जैसे हथियार बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि ये तीनों बांग्लादेशी नागरिक गाय चोरी के उद्देश्य से अवैध रूप से भारत में घुसे थे।

अगले दिन, गुरुवार को मारे गए तीनों बांग्लादेशी नागरिकों के शवों को खोवाई-पहरमूरा सीमा चौकी के जरिए औपचारिक प्रक्रिया के तहत बीएसएफ और बीजीबी (बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) की उपस्थिति में उनके देश को सौंपा गया।

मृतकों की पहचान जुयेल मिया (पिता: दिवंगत अशरफ उल्ला, गांव: अलीनगर), पंडित मिया (पिता: कना मिया, गांव: बसुल्ला) और सजल मिया (पिता: कद्दुस मिया, गांव: काबिलाशपुर, यूनियन: गाजीपुर, बांग्लादेश) के रूप में हुई है।

इस घटना पर बांग्लादेश सरकार ने गहरा आक्रोश और चिंता व्यक्त की है। ढाका से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह घटना मानवाधिकार और विधि-व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन है। बांग्लादेश ने भारत सरकार से मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्ण जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मारे गए तीनों व्यक्ति गाय तस्करी में शामिल थे और वे अक्सर धारदार हथियार लेकर सीमापार अवैध रूप से प्रवेश करते थे। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे उस दिन भी चोरी की नीयत से आए थे और जब ग्रामीणों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने हमला कर दिया।

वर्तमान में खोवाई जिले में स्थिति नियंत्रण में है। वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर चुके हैं और मामले की जांच जारी है।

संयोग से, बांग्लादेश सरकार ने एक बयान जारी कर अपने नागरिक की मौत की निंदा की है और जाँच की माँग की है। हालाँकि, इस बयान में उस बांग्लादेशी नागरिक का ज़िक्र नहीं है जिसने अवैध रूप से त्रिपुरा की सीमा पार की और गाय चुराकर भागते समय दो भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी, और न ही अपने ही देश में अवैध रूप से सीमा पार करने की जाँच का कोई ज़िक्र है।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, तीनों बांग्लादेशी नागरिक उस देश में गाय तस्कर के रूप में जाने जाते हैं। दरअसल, तस्करी के दौरान आने वाली बाधाओं और खतरों का सामना करने के लिए वे हमेशा खंजर, भाले आदि हथियारों के साथ सीमा पार करते हैं। उस दिन भी, वे इसी उद्देश्य से त्रिपुरा में दाखिल हुए और गाय तस्करी से रोके जाने पर उन तीनों ने धारदार हथियार से राज्य के दो नागरिकों पर हमला कर दिया। उनमें से एक की मौत हो गई।