नई दिल्ली, 22 सितंबर (हि.स.)। जीवन बीमा सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर ने अपने निवेशकों को बुरी तरह निराश किया है। एलआईसी के शेयर अभी तक इश्यू प्राइस से करीब 32 प्रतिशत तक नीचे गिर चुके हैं। आज एलआईसी के शेयर दिन के कारोबार के दौरान गिरकर 648 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए। हालांकि क्लोजिंग के समय इसमें मामूली सुधार हुआ और ये 649.75 रुपये के स्तर पर बंद हुए।
एलआईसी के शेयर इसी साल 17 मई को शेयर बाजार में लिस्ट हुए थे। एलआईसी ने अपना आईपीओ जारी करते वक्त इश्यू प्राइस 949 रुपये प्रति शेयर तय किया था। इस लिहाज से एलआईसी के निवेशकों को अभी तक प्रति शेयर 300 रुपये का नुकसान हो चुका है। लिस्टिंग के दिन ही 17 मई को एलआईसी के शेयर करीब आठ प्रतिशत टूट गए थे। तमाम दावों के बावजूद ये शेयर कभी भी अपने इश्यू प्राइस तक या उसके करीब भी नहीं पहुंच सके। पिछले एक महीने की ही बात करें तो इस दौरान एलआईसी के शेयरों में करीब 4 प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है।
शेयर मूल्यों में आई गिरावट की वजह से एलआईसी का मार्केट कैप भी घट कर करीब 4.11 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। मार्केट कैप में आई गिरावट की वजह से देश की 5 टॉप कंपनियों में शामिल रही एलआईसी 14वें स्थान पर लुढ़क गई है। एलआईसी के शेयर प्राइस में ये गिरावट उन दिनों भी जारी रही है जब सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी का माहौल बना रहा है। पिछले एक महीने की ही बात करें तो इस अवधि में सेंसेक्स में पिछले हफ्ते और इस हफ्ते की गिरावट के बावजूद 0.41 प्रतिशत की ओवरऑल तेजी दर्ज की गई है। जबकि इस अवधि में एलआईसी के शेयर ने 4 प्रतिशत का गोता लगाया है।
हालांकि शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि एलआईसी के शेयर प्राइस में आई गिरावट का दौर अब आखिरी चरण में पहुंच चुका है। अब इस शेयर के मूल्य में तेजी की उम्मीद की जा सकती है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि एलआईसी अपने लोअर सपोर्ट प्राइस तक पहुंच चुका है। इसलिए अब इसमें और ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
धामी के मुताबिक एलआईसी के शेयर अब कभी भी बाउंस बैक कर सकते हैं। अगर बाजार में कोई प्रतिकूल परिस्थिति नहीं बनी तो आने वाले एक साल की अवधि में एलआईसी के शेयर अपने इश्यू प्राइस तक पहुंच सकते हैं। यानी अगर अभी कोई एलआईसी के शेयर में निवेश करता है तो सालभर की अवधि में उसे करीब 35 से 37 प्रतिशत तक का रिटर्न मिल सकता है। हालांकि धामी ने ये भी साफ किया कि घरेलू बाजार के छोटे एवं खुदरा निवेशकों को एलआईसी में निवेश करने के पहले अपने निवेश सलाहकार से विचार विमर्श जरूर करना चाहिए, ताकि भविष्य में उनको किसी तरह के नुकसान का सामना ना करना पड़े।