नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने अंग दान के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जनभागीदारी को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार या फिर गैरसरकारी संगठन लोगों को अकेले अंगदान के लिए प्रेरित नहीं कर सकते। इसे जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। वे दधिची देह दान समिति के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘स्वस्थ सबल भारत’ कॉन्क्लेव के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
डॉ. मंडाविया ने कॉन्क्लेव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देहदान हमारी सांस्कृतिक परंपरा में है। हमारी संस्कृति में हम सिर्फ अपने बारे में ही नहीं बल्कि दूसरों के लाभ के बारे में भी सोचते हैं, इसलिए अंग दान सभी को करना चाहिए। डॉ मंडाविया ने सभी को शरीर-अंग-नेत्रदान पर राष्ट्रीय जन-संचालित आंदोलन की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस काम में स्वास्थ्य मंत्रालय भी संस्थाओं के साथ है।
इस मौके पर दधीचि देह दान समिति (डीडीडीएस) के संरक्षक आलोक कुमार, डीडीडीएस के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा, सीवोटर फाउंडेशन ऑन ऑर्गन/बॉडी डोनेशन इन इंडिया के संस्थापक निदेशक यशवंत देशमुख, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सहजानंद उपस्थित थे। दो दिवसीय कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत में शरीर-अंग-नेत्र दान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करना और भविष्य में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजना है।