नई दिल्ली, 10 अप्रैल (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर देशवासियों का ध्यान प्रकृति संरक्षण और संवर्धन की ओर डालते हुए कहा कि किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं और धरती मां को बचाएं वरना एक दिन कृषि उपज देना बंद कर देगी।
प्रधानमंत्री मोदी रामनवमी के अवसर पर गुजरात के जूनागढ़ के गथिला स्थित उमिया माता मंदिर के 14 वें स्थापना दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उमिया मां को कदवा पाटीदारों की कुलदेवी माना जाता है। उन्होंने कहा कि उमिया माता के आशीर्वाद से हम गुजरात के विकास में निरंतर प्रयास कर रहे हैं और जनभागीदारी के साथ इसकी सफलता में योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं गुजरात के हर किसान से रासायनिक खेती से प्राकृतिक खेती की ओर जाने का आग्रह करता हूं। अगर हम अपनी मिट्टी को नुकसान पहुंचाना बंद नहीं करते हैं, तो धरती मां हमारे बीजों की गुणवत्ता के बावजूद अब कोई उपज नहीं देगी।
प्रधानमंत्री ने गुजरात की धरती से जल संरक्षण के लिए चलाये गये अभियानों का हवाला देते हुए कहा कि जल संचय और सामाजिक अध्ययन चलाए गए हैं। मौजूदा हालात के मद्देनजर उन्होंने कहा कि जल संचय अभियान में जरा सी भी उदासीनता नहीं रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर प्रत्येक जिले में 75 झीलों के निर्माण का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने धरती को कैमिकल से मुक्त करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें धरती माता को तकलीफ देने का कोई अधिकार नहीं है। गुजरात का गांव-गांव प्राकृतिक क्षेत्र में आगे आये। उन्होंने एक बार फिर सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर लोगों से आगाह किया।
प्रधानमंत्री मोदी को देशवासियों से आगाह करते हुए कहा कि कोविड-19 अभी तक गया नहीं है। यह किसी न किसी रूप में सामने आता है। प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ अभियान में गुजरात की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की बेटियों ने हमें विभिन्न क्षेत्रों में गौरवान्वित किया है। ओलंपिक में भी प्रदेश की 6 महिलाएं थीं।
प्रधानमंत्री ने उमिया माता मंदिर के माध्यम से बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए अभियान चलाने की सलाह दी।
मंदिर का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2008 में किया था, तब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे। प्रधानमंत्री द्वारा 2008 में दिए गए सुझावों के आधार पर मंदिर ट्रस्ट ने विभिन्न सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों से संबंधित अपने दायरे का विस्तार किया है, जैसे निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन और आर्थिक रूप से कमजोर रोगियों के लिए निःशुल्क आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण आदि।