नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात कर भारत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में समर्थन का आग्रह किया है । जेलेंस्की ने शनिवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा,“ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और मौजूदा स्थिति से उन्हें अवगत कराया कि हमारी जमीन पर एक लाख के ज्यादा रूसी आक्रमणकारी हैं। वे आवासीय भवनों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं।”
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा,“ प्रधानमंत्री मोदी से मैने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में यूक्रेन को राजनीतिक समर्थन देने का आग्रह किया। हमें मिलकर इस हमले को रोकना चाहिए।” राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूक्रेनी भाषा और अंग्रेजी में इस बातचीत का ब्यौरा ट्वीट किया है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को न्यूयार्क में यूएनएससी की बैठक के दौरान भारत ने रूसी हमले के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया । अल्बानिया और अमेरिका की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव पर चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने भी भारत के साथ मतदान में भाग नहीं लिया। परिषद के 11 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था। रूस के वीटो के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी सदस्य टीएस तिरुमूर्ति ने मतदान के बाद अपने संबोधन में भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुरूप हर देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि बातचीत से विवाद का हल करने की कोशिश नहीं की गई। उन्होंने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की।
सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान मौजूदा अध्यक्ष वैस्ली निबेंजिया ने अपने देश रूस के प्रतिनिधि के रूप में निंदा प्रस्ताव का समर्थन न करने वाले देशों के प्रति अभार व्यक्त किया। नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने भी भारत के रवैये का स्वागत करते हुए कहा है कि यह दोनों देशों के बीच विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी की भावना के अनुरूप है।
इस बीच, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान जारी है। पड़ोसी देश हंगरी से भारतीय छात्रों का एक दल राजधानी बुडापेस्ट से एयर इंडिया की उड़ान से भारत के लिए रवाना हो चुका है।