President Ram Nath Kovind : युवा पीढ़ी विकास के मोर्चे पर सक्रिय हो : कोविन्द

शोणितपुर (असम), 26 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने शनिवार को कहा कि तेजपुर विश्वविद्यालय को समुदाय, स्थानीय और राष्ट्रीय समस्याओं का अभिनव समाधान प्रदान करना चाहिए। युवा पीढ़ी को विकास के मोर्चे पर सक्रिय होकर योगदान देना चाहिए। उन्होंने यह आह्वान तेजपुर विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए किया। राष्ट्रपति तीन दिवसीय असम दौरे पर हैं। वह शुक्रवार को गुवाहाटी पहुंचे थे।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र एवं फैकल्टी इसे नवोन्मेष का प्रमुख केंद्र बनाने का प्रयास करें। उन्होंने असम के कई गांवों तक सुरक्षित पेयजल पहुंचाने के लिए तेजपुर विश्वविद्यालय के अभिनव समाधान पर प्रसन्नता व्यक्त की। कोविन्द ने कहा कि गांवों के साथ विश्वविद्यालय के जुड़ाव का दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए। सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत कुछ गांवों को गोद लेकर समग्र विकास में मदद की जा सकती है।

उन्होंने ने कहा कि असम को प्रकृति ने असाधारण सुंदरता और समृद्ध जैव-विविधता का उपहार दिया है। इसको संरक्षित करना जरूरी है। असम के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है। गांवों में तेजपुर विश्वविद्यालय की अक्षय ऊर्जा पहल पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र को हरा-भरा रखने में युवाओं का बड़ा योगदान है। असम ने जैव-विविधता के संरक्षण में सराहनीय कार्य किया है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के साथ ही हाथी रिजर्व भी संरक्षण के प्रभावशाली उदाहरण हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि तेजपुर विश्वविद्यालय इस क्षेत्र के कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन में प्रमुख भूमिका निभा सकता है। यह जानकर खुशी हुई कि विश्वविद्यालय को कटहल को संसाधित करने और अनाज आधारित उत्पादों को खाने के लिए तैयार करने के लिए एक ऊष्मायन केंद्र स्थापित करने के लिए ‘प्रधानमंत्री-सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना की औपचारिकता’ के तहत मंजूरी मिल गई है। खाद्य अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी विभाग को योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्यस्तरीय तकनीकी संस्थान के रूप में मान्यता दी गई है।

उन्होंने कहा कि असम का अनोखा जोहा चावल अपने उत्कृष्ट स्वाद और सुगंध के लिए मशहूर है। असम के विश्वविद्यालय चावल की इस अनूठी किस्म की ब्रांडिंग, लोकप्रिय और विपणन करके किसानों की मदद कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी का अपेक्षाकृत कमजोर वर्गों की शिक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। महामारी के दौरान जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौद्योगिकी की मदद से डिजिटल शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।

कोविन्द ने कहा कि उच्च शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाने की दृष्टि से, केंद्र सरकार ने छात्रों के दरवाजे पर व्यक्तिगत सीखने के अनुभव के साथ विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा के लिए देशभर में छात्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। तेजपुर विश्वविद्यालय इस पहल में असमिया और उत्तर-पूर्व की अन्य भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल सामग्री प्रदान कर सक्रिय हितधारक बन सकता है।

राष्ट्रपति ने तेजपुर विश्वविद्यालय की पूरी टीम से अतीत, वर्तमान और भविष्य के छात्रों को एकता की भावना से बांधे रखने और विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की ओर तेजी से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से आगे बढ़ते हुए विश्वविद्यालय वर्ष 2047 तक जब आज के छात्र निर्णय लेने वालों में होंगे तो भारत को एक अधिक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरने में सार्थक योगदान देने में सक्षम होगा।

उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के पीछे असली भावना अब तक हमारे सीखने और उच्च लक्ष्यों के लिए लक्ष्य बनाना है। उन्होंने तेजपुर विश्वविद्यालय से निकट भविष्य में एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में शामिल होने का प्रयास करने का आग्रह किया।

इस मौके पर राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी, मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने भी विचार रखे। कुलपति प्रो. वीके जैन ने संक्षेप में विश्वविद्यालय के संबंध में प्रकाश डाला। दीक्षांत समारोह में कुल 1,249 विद्यार्थियों ने अपनी डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किए, जिनमें से 401 स्नातक, 717 स्नातकोत्तर, 68 पीजी डिप्लोमा और 63 पीएचडी थे। डिग्री प्राप्तकर्ताओं में, विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 45 टॉपर्स ने स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

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