नई दिल्ली, 25 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी के खिलाफ ईडी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने 6 अप्रैल को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
रुजिरा बनर्जी ने ईडी के समन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने 11 फरवरी को इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 11 अक्टूबर 2021 को हाई कोर्ट ने रुजिरा बनर्जी को ट्रायल कोर्ट में अपने वकील के जरिए कोर्ट में अपनी बात रखने की छूट दे दी थी। ईडी ने कहा है कि रुजिरा बनर्जी कोयला घोटाला मामले में पूछताछ के लिए पेश नहीं हो रही हैं।
ईडी की ओर से जारी समन के खिलाफ अभिषेक बनर्जी और रुजिरा बनर्जी ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ईडी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि जांच के बीच में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हाई कोर्ट में ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की ओर से जो सवाल उठाया गया है उस पर सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट इस सवाल पर विचार कर रही है कि अपराध प्रक्रिया संहिता के अध्याय 12 का मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच में पालन होना चाहिए कि नहीं। मेहता ने कहा था कि इस सवाल पर भी विचार किया जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत अगर कोई बयान दर्ज किया जाता है तो क्या ईडी संविधान की धारा 20(3) का उल्लंघन तो नहीं कर रही है। मेहता ने अभिषेक बनर्जी के वकील कपिल सिब्बल की इस दलील का विरोध किया था कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 से ईडी का कोई लेना-देना नहीं है।
अभिषेक बनर्जी की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि वे जांच करने के ईडी की शक्तियों को चुनौती नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ईडी को आरोपित से वहीं पूछताछ करनी चाहिए जहां आरोपित के पुलिस थाने का क्षेत्राधिकार है। उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 65 के संदर्भ में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 की व्याख्या करने की मांग की। उन्होंने कहा था कि ईडी ने आरोपित को दिल्ली किस आधार पर बुलाया। अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 160 क्यों नहीं लागू होगी।