Ukraine Trapped : जनपद के आधा दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन में फंसे, वतन वापसी के प्रयास तेज

इटावा, 25 फरवरी (हि.स.)। जनपद के आधा दर्जन से अधिक छात्र यूक्रेन में फसें हुए हैं। छात्रों के परिजन सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूक्रेन के कीव, डिनप्रो, पिरोगोव, सुमि सहित अन्य जगाहों पर इटावा के रहने वाले छात्र पढ़ाई के लिए गए हुए थे। परिजन ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि उनके बच्चे सलामत घर वापसी कर सकें। छात्रों के परिजन वीडियो कॉल के माध्यम से बच्चों से पल पल बात करके हाल चाल जान रहे हैं।

यूक्रेन के कई अलग-अलग शहरों में भारत के लगभग बीस हजार छात्र पढ़ाई करने के चलते रह रहे हैं। रूस ने बीते बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीव सहित अन्य जगहों पर हमला बोल दिया हैं। जिससे युद्ध की स्तिथि बन गयी। रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमले से वहां रहने वाले विदेशी मूल के नागरिकों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी हैंऔर अब यूक्रेन से सभी उड़ाने रद्द चल रही हैं। ऐसे में भारत के रहने वाले लोगों के सामने सकुशल वतन वापसी को लेकर समस्या खड़ी हो गई है।

जनपद इटावा के आधा दर्जन छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं, जिनमें से दो छात्र यूक्रेन से निकल आये हैं। लेकिन अभी इटावा नहीं पहुंचे हैं। यूक्रेन के डिनप्रो शहर में फंसे छात्र के घर पर बेटे की सुरक्षा को लेकर परिजन बच्चे के लिए सुरक्षित घर वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। परिजन वीडियो कॉल के जरिए पल पल अपने बच्चे की खबर ले रहे हैं।

शहर के लालपुरा निवासी रोहन यादव के पिता धीरेन्द्र यादव ने सरकार से मांग करते हुए कहा, पहले बच्चे को यूक्रेन में सुरक्षित किया जाए। उसके बाद वतन वापसी के हर संभव प्रयास सरकार करे। रूस यूक्रेन में बिगड़े हालातों के बाद हवाई टिकटों के दामों में बेतहाशा वृद्धि से भी परिजन चिंतित नजर आ रहे हैं। धीरेंद्र यादव ने बताया कि उन्होंने 26 फरवरी का टिकट बेटे के लिए कराने की कोशिश की थी लेकिन जो टिकट 30 हजार का था वो 1 लाख 50 हजार रूपये का आ रहा है, वह भी पता नहीं की बेटे को फ्लाइट मिल पाए या ना मिल पाए। इस समय इटावा में रोहन के साथ ही 7 छात्र और यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।

जनपद के बकेवर मौहल्ला आजाद नगर क्षेत्र निवासी मनोज पाठक के पुत्र शुभ पाठक 2020 में एरोटिक बीटेक करने के लिए यूक्रेन के कीव गए हुए थे। लेकिन वह अब तक कीव में ही रुके हैं, उनके साथ भारत के अन्य छात्र भी हैं। सभी फ्लाइट रदद् कर दी गई हैं। जिसके चलते शुभ अपने साथियों के साथ ही वहां रह रहे हैं। शुभ ने बताया कि यहां बंकर बनाये गए हैं और सभी को चेतावनी दी गई है कि जैसे ही इमरजेंसी सायरन बजे वैसे ही बंकर की ओर सभी लोग पहुंच जाएं। शुभ कहते है उनके खाते में रुपये नहीं है इसलिए भी समस्या है। लेकिन फिलहाल अभी खतरे की कोई बात नही हैं। जल्द ही दूतावास कोई न कोई यहां से निकलने का हल निकाल लेगा।

जनपद के बकेवर क्षेत्र के कुड़रिया गांव निवासी एडवोकेट अरविंद राठौर के पुत्र अंशुल राठौर यूक्रेन के सुमि शहर में पिछले चार वर्ष से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा हैं। यूक्रेन पर हमले के चंद घण्टों पूर्व व दुबई के लिए रवाना हो चुका था हालांकि अब तक वह अपने घर वापस नही आया। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों द्वारा माहौल खराब होने की बात कहने के बाद ही वह अपने देश के लिए सही समय पर निकल आया। अंशुल राठौर ने बताया कि वहां पर स्थितियां काफी समय पहले ही तनावपूर्ण हो रही थीं। हालांकि जब वह वहां से चला उस समय तक कोई हमला नहीं हुआ था। उसके साथ तीन अन्य छात्र लखनऊ, गोरखपुर व राजस्थान के भी वापस आ गए।

शहर के बाबा भीमराव अंबेडकर कृषि एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में कार्य करने वाले पीटीआई सतेंद्र यादव व उनकी पत्नी अनीता यादव की पुत्री तेजस्विता यादव यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से चंद घंटे पहले ही फ्लाइट से उजबेकिस्तान पहुंच गई हैं। वह वहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।मां अनीता यादव ने बताया कि बेटी तेजस्विता यूक्रेन के विन्नित्सिया नेशनल पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की छात्रा है। वह वर्ष 2019 में पढ़ाई के लिए वहां पर गई थी। वहां के समयानुसार बुधवार की रात्रि को 10 बजे वह कीव से फ्लाइट से उजबेकिस्तान पहुंची है।

उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने बताया कि उसके आने के बाद सारी फ्लाइटें बंद कर दी गईं। कीव शहर में सेना लगा दी गई है। वहां पर ब्लास्ट हो रहे हैं। लोग भाग रहे हैं और अफरा-तफरी का माहौल है। लोगों में एटीएम से रुपये निकालने को लेकर होड़ मची हुई है। उनकी बेटी भी अपने लिए रुपये निकालकर व किताबें लेकर उजबेकिस्तान पहुंची है, वहां से फ्लाइट द्वारा वह शुक्रवार की सुबह तक दिल्ली आ जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *