गंगटोक, 25 फरवरी (हि.स.)। यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के बाद से सिक्किम में भी कई परिवार चिंतित हैं। राज्य के लगभग 20 विद्यार्थी यूक्रेन में मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से अभिभावक अपने बच्चों से संपर्क नहीं कर पा रहे। यूक्रेन में फंसे ज्यादातर छात्र पश्चिम सिक्किम के हैं।
पश्चिम सिक्किम के सुदुर गांव ओखरे के छात्र फुरबा शेरपा की मां डिकी ल्हमू शरेपा ने कहा कि वह गरुवार सुबह तक अपने बेटे के संपर्क में थीं। यूक्रेन में उनके बेटे को भोजन जुटाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अशांति के बाद इंटरनेट काम नहीं कर रहा है। युद्ध शुरू होने के बाद से उड़ान के टिकट भी बहुत महंगे हो गए है। वहां के बैंक भी बंद होने के कारण बच्चे को पैसे नहीं भेज पाए हैं।
इसी तरह, दक्षिण सिक्किम के मिकखोला निवासी एडी राई ने बताया कि उनकी बेटी श्रेयस डी. राई यूक्रेन में चिकित्सा की पढ़ाई कर रही हैं। यूक्रेन से लौटने का फैसला करने के बाद वह अपनी बेटी को लेने के लिए कल दिल्ली पहुंचे थे, लेकिन जब खबर आई कि उनकी उड़ान रद्द कर दी गई तो वह निराश हो गए। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी से संपर्क नहीं हो पाया है।
पश्चिम सिक्किम के गेरेथांग निवासी महादेव शर्मा ने कहा कि उनकी बहन सीता शर्मा पिछले चार साल से यूक्रेन में पढ़ रही हैं। उन्होंने सरकार से उनकी घर वापसी में मदद करने की अपील की। उनकी बहन को लाने के लिए हवाई जहाज का टिकट बुक कराने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन तुरंत पैसा जुटाना मुश्किल था। उन्होंने सिक्किम सरकार से वित्तीय सहायता के लिए भी अनुरोध किया।
इसी बीच सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बताया है कि अब तक यूक्रेन में सिक्किम के 20 विद्यार्थियों के फंसे होने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार विदेश मंत्रालय के संपर्क में है। हंगरी, पोलैंड, यूक्रेन, रोमानिया और स्लोवाकिया के भारतीय राजदूतों से संपर्क किया गया है।सिक्किम के विद्यार्थियों से लगातार संपर्क करने और उनके स्थिति के बारे में जानकारी लेने का प्रयास किया जा रहा है।