नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। संघर्षरत यूक्रेन में फंसे छात्रों और भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने की मुहिम में अब पड़ोसी देश हंगरी स्थित भारतीय दूतावास भी सक्रिय हो गया। हंगरी में भारतीय दूतावास के अधिकारियों का एक दल यूक्रेन और हंगरी के सीमावर्ती क्षेत्र में पहुंच गया है ताकि भारतीय नागरिकों को सहायता दी जा सके और उन्हें बाहर निकाला सके। इस काम में कीव (यूक्रेन) स्थित भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय आपसी तालमेल से काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई से भारतीय नागिरकों को बाहर निकालने के लिए भेजा गया एक विमान वहां हवाई अड्डे पर नहीं उतर सका। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाराणसी में कहा कि यूक्रेन के हालात विषम है लेकिन वहां छात्रों और भारतीय नागरिकों को निकालने के प्रयास जारी रहेंगे। यूक्रेन संकट के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि शांति कायम रहनी चाहिए। विवाद का हल बातचीत के जरिए होना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पूर्वी यूरोप के इस संकट के बारे में कई देशों के अपने समकक्षों के बातचीत भी की है। ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस से बातचीत की जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर अपने दृष्टिकोण को साझा किया। विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल फोंटेलस ने जयशंकर को फोन किया है। विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि उनसे यूक्रेन में गंभीर स्थिति और भारत कैसे डी-एस्केलेशन प्रयासों में योगदान दे सकता है, पर चर्चा की।
इसी बीच रूसी विशेष बलों की कार्रवाई के बाद यूक्रेन के कीव में भारतीय दूतावास के बाहर भारी संख्या में भारतीय छात्र इक्कठा हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सभी को दूतावास परिसर में ठहराया नहीं जा सकता है। हालांकि अधिकारियों ने उनके लिए सुरक्षित आवास की व्यवस्था की है और छात्रों को वहां ले जाया गया है।
भारतीय दूतावास की ओर से आज जारी तीसरे परामर्श में कहा गया है कि युद्ध के हालात के कारण कुछ जगहों पर हवाई सायरन अथवा बम की चेतावनी सुनाई दे रही है। अगर ऐसी स्थिति का सामना हो तो आस-पास के बम निरोधक आश्रयों की गूगल मैप में उपलब्ध सूची का उपयोग कर वहां पहुंचे। इनमें से कई भूमिगत मैट्रो में स्थित हैं।
यूक्रेन में लगभग 18,000 भारतीय हैं, जिनमें से कई छात्र हैं। उनकी निकासी के लिए भेजी गई एयर इंडिया की एक उड़ान नागरिक उड़ानों पर लगे प्रतिबंध के बाद वापस लौट आई है। दूतावास का कहना है कि भारतीयों की निकासी के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाशे जा रहे हैं।
इसी बीच केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने आज कहा कि विदेश मंत्रालय यूक्रेन से छात्रों सहित लगभग 18,000 भारतीयों को वापस लाने के लिए सभी संभव कदम उठा रहा है। केरल के त्रिशूर में मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र का उद्देश्य सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और इसके लिए सभी उपायों की योजना बनाई जा रही है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार यूक्रेन से भारत लौटने वाले यात्री कतर के साथ भारत के द्विपक्षीय एयर बबल समझौते के तहत दोहा से होते हुए भारत आ सकते हैं। कतर के भारतीय दूतावास ने इसकी जानकारी दी है।