Supreme Court : फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की रिलीज का रास्ता साफ

नई दिल्ली, 24 फरवरी (हि.स.)। फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म की रिलीज रोकने की मांग खारिज कर दी है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम नहीं समझते कि यह ऐसा मामला है जहां फिल्म की रिलीज रोकने का आदेश देने की जरूरत है। फिल्म 25 फरवरी को रिलीज हो रही है।

आज सुनवाई के दौरान फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली की ओर से पेश वकील सीए सुंदरम ने फिल्म का नाम बदलने में असमर्थता जताई। उन्होंने कहा कि फिल्म का रिलीज होने में केवल एक दिन बचा है। अंतिम मौके पर बदलाव संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस किताब पर यह फिल्म आधारित है वह 2011 की है। 11 साल तक याचिकाकर्ता ने किताब को चुनौती नहीं दी। 2018 में फिल्म की घोषणा हुई थी और तब से इसके निर्माण की चर्चा रही है। पिछले कई महीनों से फिल्म का प्रचार हो रहा है। याचिकाकर्ता कुछ ही समय पहले अचानक सक्रिय हो गया।

सुंदरम ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास गंगूबाई को गोद लिया हुआ बेटा होने का कोई सबूत नहीं है। न तो कोई स्कूल का सर्टिफिकेट है न राशन कार्ड है और न ही किसी दस्तावेज में नाम है। वो ये भी नहीं बता रहा है कि 11 साल पहले छपी किताब से उसका या उसके परिवार का क्या नुकसान हुआ है। इस पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि हमारे यहां समस्या है कि पीड़ित को अपराधी की तरह दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में लीगल सर्विस अथॉरिटी की अध्यक्ष थीं। जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वो एक ऐसी लड़की से मिलीं, जिसे बहुत कम उम्र में खाने का लालच देकर वेश्यावृति के धंधे मे धकेल दिया गया। रोज कई लोगों ने उससे उसकी इच्छा के खिलाफ संबंध बनाए। आखिर वह एचआईवी की शिकार हो गई। इस तरह के लोगों के पहचान को न उजागर करने के लिए कई कानून हैं।

कोर्ट ने 23 फरवरी को निर्माता संजय लीला भंसाली से पूछा था कि क्या वह फ़िल्म का नाम बदलेंगे। खुद को गंगूबाई का गोद लिया हुआ बेटा बताने वाले बाबूजी रावजी शाह ने फ़िल्म को मानहानि भरा बताते हुए रिलीज़ रोकने की मांग की थी। इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज को रोकने से इनकार कर दिया था। गंगूबाई के दत्तक पुत्र बाबूजी रावजी शाह ने बांबे हाईकोर्ट में फिल्म के निर्माता, नायिका की भूमिका अदा कर रही अभिनेत्री आलिया भट्ट और उपन्यास ‘द माफिया क्वीन्स ऑफ बांबे’ के लेखक के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की थीं। शाह ने इनके खिलाफ अपराधिक मानहानि के मुकदमे भी दर्ज करा रखे हैं।

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