नई दिल्ली, 22 फरवरी (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर मंगलवार से ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस दौरान 28 फरवरी तक देश के हर हिस्से में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम होंगे। डीआरडीओ के वैज्ञानिक देश भर के 33 केंद्रों पर 11 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान भी देंगे।
डीआरडीओ प्रवक्ता के मुताबिक देश के 16 शहरों में ‘अमृत महोत्सव साइंस शोकेस: रोडमैप टू 2047’ विषय पर प्रदर्शनियां लगाई गईं हैं। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मेगा प्रदर्शनी आगरा, अल्मोड़ा, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, जोधपुर, लेह, मुंबई, मैसूर, पुणे, तेजपुर, एर्नाकुलम में लगाई गई हैं। यह महोत्सव डीआरडीओ की भागीदारी में चल रहे अनुसंधान संगठनों के कार्यों को उजागर करने और 2047 तक प्रौद्योगिकी प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक अवसर है। देश भर के विभिन्न केंद्रों पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास पर प्रख्यात वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।
इन प्रदर्शनियों में विभिन्न प्रौद्योगिकियों से संबंधित डीआरडीओ उत्पादों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें मिसाइल नाग, मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, आकाश, ब्रह्मोस, एस्ट्रा, प्रलय, मिशन शक्ति, आर्मर्ड इंजीनियर टोही वाहन, मारीच, 3डी सेंट्रल एक्विजिशन रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम के मॉडल, ब्रिज लेयर टैंक (बीएलटी) आदि शामिल हैं। प्रदर्शित प्रौद्योगिकियों में रेट्रोमोटर, बूस्टर मोटर, समग्र रॉकेट मोटर केसिंग, ड्रॉप टैंक, ब्रेक डिस्क आदि भी हैं।
‘अमृत महोत्सव विज्ञान’ का शीर्षक ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ भी है, जिसने रक्षा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, कृषि, खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान खोजने में मदद की है। यह कार्यक्रम डीआरडीओ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की ओर से अंतरिक्ष विभाग, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किये गए हैं।