नई दिल्ली, 22 फ़रवरी (हि.स.)। कर्नाटक के उडुपी सरकारी गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज से उठे हिजाब विवाद का आज पटाक्षेप हो सकता है। कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर अनुमति मांगी गयी है। एक दिन पूर्व सोमवार को सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने अदालत के समक्ष स्पष्ट किया था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने उडुपी के सरकारी गर्ल्स कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर विवादों का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अबतक सुलझा नहीं है। कॉलेज में छात्राओं के हिजाब के साथ प्रवेश पर पाबंदी लगाए जाने के बाद काफी तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गयी थी।
राज्य के करीब 45 कॉलेजों में इस विवाद का असर देखा गया। हिजाब के जवाब में दूसरे पक्ष ने भगवा दुपट्टा और गमछे के साथ प्रदर्शन किया। उसके बाद तनाव कम करने के लिए कॉलेज प्रशासन को तीन दिनों का अवकाश घोषित करना पड़ा। यह विवाद तेजी से पूरे देश में फैल गया और इसने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान खींचा।
इस विवाद ने राज्य में उस समय हिंसक रूप से लिया जब रविवार को एक बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की बर्बर तरीके से चाकू गोदकर हत्या की गयी। इस हत्या को हिजाब विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से भड़के लोगों ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। सरकार को हालात पर काबू पाने के लिए निषेधाज्ञा लगानी पड़ी।