Punishment : सजा सुनते ही कुछ आतंकी रोने लगे तो कुछ के चेहरे पर नहीं दिखा कोई मलाल

अहमदाबाद, 18 फरवरी (हि.स.)। अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाका मामले में शुक्रवार को सजा सुनाये जाने की खबर मिलते ही साबरमती जेल में बंद कुछ आतंकी रोने लगे तो कुछ के चेहरे पर कोई भी मलाल नहीं दिखा। सीरियल ब्लास्ट के 49 दोषियों में 38 को मौत और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

इन आतंकवादियों ने 26 जुलाई, 2008 को अहमदाबाद शहर को खून से लथपथ कर दिया था। विशेष अदालत ने आज सुबह 11 बजे फैसला सुनाना शुरू किया। सुरक्षा के मद्देनजर साबरमती सेंट्रल जेल के बाहर जेल सिपाहियों, एसओजी और स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया था। अदालत में चल रही कार्यवाही दोषियों को दिखाने के लिए साबरमती जेल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा गया था। सभी दोषियों पर पुलिस की लगातार नजर रखी जा रही थी। अदालत ने सिलसिलेवार बम धमाकों के 49 दोषियों में से 38 को मौत की सजा और 11 को उम्रकैद की सजा सुनाई।

अदालत का फैसला आते ही साबरमती जेल में बंद कई दोषियों ने रोना शुरू कर दिया और कुछ दोषियों के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था। अदालत ने पूरे मामले में वडोदरा के दो भाइयों कयामुद्दीन कपाड़िया और रफीउद्दीन कपाड़िया समेत पांच लोगों को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने वडोदरा के चार दोषियों पर 2.85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जबकि एक दोषी मोहम्मद उस्मान पर अधिकतम 2.88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। इन पांच दोषियों में से एक इकबाल शेख ने ठक्करनगर और एएमटीएस बस नंबर 150 में बम रखा था।

अहमदाबाद में 26 जुलाई 2008 को शाम 6.15 बजे से शाम 7.45 बजे तक 90 मिनट में 20 स्थानों पर शक्तिशाली बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके बसों, अस्पताल, पार्किंग स्थल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर किये गए थे। इन धमाकों ने 56 लोगों की जान ले ली और 246 लोग इसमें घायल हुए थे। इसे लेकर पुलिस ने अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 शिकायतें दर्ज की थी। अहमदाबाद में हुए इन धमाकों से पूरा देश सन्न रह गया था।

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