अंजनाद्रि पहाड़ी पर हनुमान मंदिर के निर्माण पर रोक

अमरावती, 16 फरवरी (हि.स.)। चित्तूर जिले में अंजनाद्री पहाड़ी पर प्रस्तावित हनुमान मंदिर के निर्माण पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने रोक लगाई है। हाई कोर्ट ने मंगलवार को तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को निर्देश दिया कि वह तिरुमाला की सात पहाड़ियों में से एक अंजनाद्री पर मंदिर या किसी अन्य संरचना का निर्माण न करे। कोर्ट ने टीटीडी को सिर्फ सौंदर्यीकरण कार्य करने की अनुमति दी है।

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले के निवासी अग्रहरम राघवेंद्र और दो अन्य लोगों ने अंजनाद्री पहाड़ी की चोटी पर टीटीडी द्वारा प्रस्तावित मंदिर निर्माण को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अंजनाद्री के ऊपर एक मंदिर बनाना, जो तिरुमाला की सात पहाड़ियों का हिस्सा है, पुराणों के विरुद्ध है। याचिकाकर्ताओं की ओर से तर्क देते हुए अधिवक्ता के रामबाबू ने कोर्ट से कहा कि पुराणों के अनुसार, मनुष्यों को सात पहाड़ियों पर कहीं भी किसी भी मूर्ति को प्रतिष्ठित करने की अनुमति नहीं है।

टीटीडी इस अनुमान के तहत भगवान हनुमान के लिए एक मंदिर बनाने की योजना बना रहा है कि अंजनाद्री पहाड़ी भगवान हनुमान जी का जन्मस्थान है। हालांकि, टीटीडी के दावे का समर्थन करने के लिए पुराणों में कोई वैज्ञानिक प्रमाण या उल्लेख नहीं है।

बता दें कर्नाटक और आंध्र प्रदेश स्थित दो धार्मिक संस्थाओं के बीच हनुमान जी के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग मत है। कर्नाटक स्थित ट्रस्ट ने दावा किया है कि वाल्मिकी रामायण में विशेष रूप से उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि हनुमान जी का जन्म किष्किंधा के अंजनाहल्ली में हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान हम्पी के निकट तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम कमेटी ने कहा कि पुराणों और शिलालेखों जैसे प्राचीन ग्रंथों में स्पष्ट रूप से अंजनाद्री का उल्लेख है, जिसे अब तिरुमाला कहा जाता है, जो कि हनुमान जी का जन्मस्थान के दावे को मजबूत करते हैं।

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