नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत लेने के मामले में जांच एजेंसी के सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को जमानत दे दी। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने तिवारी को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस मामले में दस्तावेज परीक्षण के लिए 9 मार्च की तिथि नियत की है।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इसके पहले कोर्ट ने अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और उनके सोशल मीडिया मैनेजर वैभव गजेंद्र तुमाने को जमानत दी थी। 22 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भूमिका की जांच करें। सीबीआई के मुताबिक अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए थे।
सीबीआई ने कहा था कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे जहां उसे रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट दिए गए। दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और सीबीआई के डीएसपी आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए। इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए थे। अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे। तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्स ऐप के जरिये साझा किया था। उसके बाद सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
सीबीआई ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली। ये लगातार होता रहा है। बता दें कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था।