Bail : अवंता ग्रुप के संस्थापक गौतम थापर की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली, 11 फरवरी (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने यस बैंक के 466 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में जेल में बंद अवंता ग्रुप के संस्थापक गौतम थापर की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

कोर्ट ने 30 नवंबर, 2021 को ईडी को नोटिस जारी किया था। गौतम थापर की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर गलती की है। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि गौतम थापर को अगर जमानत दी जाती है तो उसके भागने का अंदेशा है। ट्रायल कोर्ट गौतम थापर का पासपोर्ट जमा करवाकर जमानत दे सकता था। 30 अक्टूबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। ट्रायल कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ थापर ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ईडी ने थापर को 3 अगस्त को गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक 2017 से लेकर 2019 तक थापर, अवंता रियल्टी और ओयेस्टर बिल्डवेल ने यस बैंक के साथ 466.51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। यस बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि ओयेस्टर बिल्डवेल की एक सहयोगी कंपनी ने एक पावर प्लांट का ठेका लेने के लिए दिसंबर 2017 में दस सालों के लिए 515 करोड़ रुपये का लोन लिया था लेकिन कंपनी लोन की ईएमआई नहीं दे रही, जिसके बाद उसे 30 अक्टूबर, 2019 को एनपीए करार दिया गया।

उल्लेखनीय है कि 2020 में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 307 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अवंता रियल्टी में रिश्वत के रूप में एक बंगला खरीदने के मामले में केस दर्ज किया था।

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