High Court : हिजाब विवाद : हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को भेजा

नई दिल्ली, 9 फरवरी (हि.स.)। कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर उठा विवाद का असर अब दूसरों राज्यों में दिखने लगा है। हिजाब को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी चरम पर है। कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी शिक्षण संस्थान को तीन दिन के लिए बंद कर दिया है। इसी बीच कर्नाटक हाई कोर्ट की एकल पीठ ने इस मामले की याचिका को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को भेज दिया है।

दरअसल, 31 दिसंबर को उडुपी के एक सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई छह छात्राओं को क्लास में आने से रोक देने से विवाद शुरू हुआ था। बाद में मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। इस मामले पर बुधवार को भी कर्नाटक हाई कोर्ट में लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई है। सुनवाई के बाद कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस कृष्णा दीक्षित की एकल पीठ ने इस मामले को सुनवाई के लिए बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। हालांकि याचिकाकर्ता ने इस मामले को बड़ी बेंच भेजने का विरोध किया।

मामले को बढ़ता देखकर मंगलवार की रात ही मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के निर्देश पर राज्य के सभी स्कूल तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए। इस मामले को लेकर बुधवार को पुलिस विभाग ने नई गाइडलाइन जारी कर प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज, डिग्री कॉलेज सहित अन्य शैक्षणिक संस्थानों के गेट के आसपास 200 मीटर के दायरे में प्रदर्शन पर रोक लगा दी। कर्नाटक के हिजाब विवाद का असर अब दूसरे राज्यों में भी दिखने लगा है। तेलंगाना राज्य के हैदराबाद में बुधवार को मुस्लिम छात्राओं और महिलाओं ने प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया।

हिजाब विवाद पर कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि कानून व्यवस्था को कोई अपने हाथ में नहीं ले सकता। राज्य के राजस्व मंत्री आर. अशोक ने कहा कि सरकार न तो हिजाब के पक्ष में और न ही केसरी के पक्ष में है। स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य रहेगा। छात्र बाजार की सड़कों पर मन चाहे कपड़े पहन सकते हैं।

राजनीतिक बयानबाजी चरम पर

कर्नाटक के हिजाब विवाद को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी चरम पर है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए जानबूझकर यह किया गया है। कुछ लोग हिन्दू-मुस्लिम को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके पीछे राजनीतिक पार्टियां काम कर रही हैं। इस मामले पर प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि बिकिनी, घूंघट, हिजाब या जींस में से क्या पहनना है, यह तय करने का अधिकार सिर्फ महिलाओं को है। इस मामले में महाराष्ट्र के मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि जहां स्कूल व कॉलेजों में पहले से ही यूनिफॉर्म तय है, उसका पालन करना चाहिए।

हिजाब को लेकर छिड़ी बहस के बीच केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक अधिकार बराबर हैं। इसलिए हिजाब पर किसी तरह का हंगामा ठीक नहीं है। संस्थानों के ड्रेस कोड पर सांप्रदायिक कील मत ठोकिए। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं और वहां धार्मिक मामलों को नहीं पहुंचाना चाहिए। स्कूल की यूनिफॉर्म का सम्मान किया जाना चाहिए।

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