मुंबई, 09 फरवरी (हि.स.)। भीमा-कोरेगांव जांच आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार को 23 व 24 फरवरी को गवाही के लिए उपस्थित रहने के लिए नोटिस भेजा है। इन दो दिनों में आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जज जे.एन. पटेल के समक्ष शरद पवार के बयान दर्ज किये जायेंगे।
पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को हिंसा हुई थी जिसमें एक निर्दोष व्यक्ति की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। हिंसा में करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त जज जे.एन. पटेल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया था। इस हिंसा के कुछ दिन बाद शरद पवार ने अपने बयान में कहा था कि यह हिंसा संभाजी भिड़े के बयान के बाद भड़की थी। शरद पवार ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर शक व्यक्त किया था। इसी वजह से वकील प्रदीप गावड़े ने आयोग के समक्ष शरद पवार का बयान दर्ज किए जाने की मांग की थी। इस पर आयोग ने शरद पवार को नोटिस जारी कर 23 व 24 फरवरी को उपस्थित रहने का निर्देश जारी किया है।
इस मामले में भीमा कोरेगांव मामले में मुंबई पुलिस के सह आयुक्त विश्वास नागरे पाटिल को भी नोटिस जारी किया है। साथ ही कई अन्य पुलिस अधिकारियों के भी बयान आयोग दर्ज करेगा।