दतिया, 08 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के ग्राम कटीली निवासी कस्तूरी देवी पत्नी दयाराम आदिवासी का परिवार अपनी जमीन पर परम्परागत गेंहू, चना आदि फसलें लेते थे, लेकिन इनसे जितनी आय होनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाती थी। इस बीच कस्तूरी देवी अहिरवार के परिवार के सदस्यों ने आपस में चर्चा की अपनी कम जमीन से अधिक पैसा कैसे मिले ऐसी नगदी फसले लें। जिससे आय में वृद्धि हो सकती है। इस संबंध में कस्तूरी बाई एवं उनके परिजनों ने उद्यानिकी विभाग जाकर सहायक संचालक सर्वेश तिवारी से चर्चा की। चर्चा के दौरान सबसे पहले उपलब्ध जमीन की जानकारी लेते हुए बताया कि आपके पास 4 हैक्टेयर भूमि से कुछ हिस्से में नगदी फसलें लें। इसके लिए सब्जी एवं फलों की खेती से अधिक मुनाफा ले सकते है।
कस्तूरी बाई एवं उनके परिवार ने उद्यानिकी फसलें लेने का मन बनाकर विभाग से प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। कुल चार हैक्टेयर भूमि में से 1.75 हैक्टेयर में उद्यानिकी फसलें शुरू की। जिसमें 0.75 हैक्टेयर क्षेत्र में ब्रोकली, 0.50 हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज और 0.50 हैक्टेयर में गोभी की फसलें लेना शुरू कर दी। एक वर्ष के दौरान उन्हें तीन लाख 50 हजार से लेकर पांच लाख तक की आय इन फसलों से हो रही है, जबकि परम्परागत फसलों से इतनी आय नहीं हो पाती है उन्होंने बताया कि सब्जी खेती में सिंचाई हेतु स्प्रिंगलर (फुब्बारा सिंचाई) का उपयोग कर रहे है। जिसमें पानी की बचत के साथ प्रत्येक पौधे तक पानी पहुंच जाता है। कस्तूरी देवी ने बताया कि किसान उद्यानिकी फसलें लेकर अधिक मुनाफा ले सकते है। उन्होंने बताया कि विभाग के माध्यम से प्रदेश के कई जिलों के प्रगतिशील कृषकों एवं प्रदेश के बाहर उद्यानिकी के क्षेत्र में उन्नत तकनीकी का उपयोग कर रहे किसानों की फसलों का खेतों पर भ्रमण कर चुके हैं।