सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा की विधायक पद से इस्तीफा मंजूर : अध्यक्ष

आईपिएफटी बिधायक बृष्केतु देबबर्मा का बिधायक पद रद करने का फैसला जल्द
अगरतला, 8 फरवरी (हि. स.) । त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा के विधायक पद से इस्तीफा स्वीकार किया है। इन दोनों ने कल अध्यक्ष को अपना त्याग पत्र सौंपा था। उधर इंडिजेनस पिपल्स फ्रंट ऑफ़ तुइप्रा (आईपिएफटी) बिधायक बृष्केतु देबबर्मा का बिधायक पद रद करने का फैसला इसी महीने लिया जाएगा। एही नही, भाजपा के दो बिधायक अगर दूसरी पार्टी में  सामिल होते है, तब उनके खिलाफ भी दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई होगा, त्रिपुरा बिधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रबर्ती ने आज ये बात साफ कहा है।


त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने आज कहा कि विधानसभा के नियम 364 के तहत दो विधायकों के त्यागपत्रों की जांच की गई है। इससे तय हुआ कि उनका इस्तीफा स्वीकार करना संभव है। उनके मुताबिक, दोनों विधायकों की इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा को विधायक पद रद करने का फैसला सात फरवरी की दोपहर से प्रभावी होगा। अब से उन्हें पूर्व विधायकों का दर्जा मिलेगा।


साथ हि उन्होंने ये भी कहा आईपीएफटी विधायक बृष्केतु देबबर्मा का बिधायक पद रद करने का फैसला इसी महीने लिया जाएगा। उन्हें 14 फरवरी को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का नोटिस दिया गया है। यदि वह उस दिन अनुपस्थित रहता है तो उसे नया मौका नहीं दिया जाएगा और त्रिपुरा विधानसभा उनकी विधायक पद रद करने का फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि भाजपा विधायक दीबा चंद्र रंखल और विधायक बरबू मोहन त्रिपुरा कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। हालांकि, त्रिपुरा विधानसभा अन्य दलों में शामिल होने पर उनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करने पर विचार करेगा।


आज अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती ने कहा कि विधायक आशीष दास और विधायक बृष्केतु देबबर्मा के मामले में बेहद अंतर है। त्रिपुरा विधानसभा ने बार-बार विधायक आशीष दास को दलबदल विरोधी कानून के तहत नोटिस भेजा था। लेकिन उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया, यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्स जाकर अपनी बात नही रखा। इसलिए उनके विधायक पद को रद किया गया है। हालांकि बृष्केतु देबबर्मा ने नियमानुसार विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया था। नतीजतन, उनकी बिधायक पद रद करने में में कुछ समय लग रहा है।


अध्यक्ष के मुताबिक विधायक बृष्केतु देबबर्मा ने पहले अपना इस्तीफा लोगो के जरिए भेजा था। ऐसे में उनका इस्तीफा सौंपना गलत था। बाद में उन्होंने व्यक्तिगत रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया। लेकिन नोटिस भेजे जाने के बाद भी वह हाजिर नहीं हुए। अध्यक्ष ने कहा कि विधायक बृष्केतु देबबर्मा को 14 फरवरी को फिर से पेश होने के लिए नोटिस भेजा गया है। अगर वह उस दिन भी अनुपस्थित रहता है तो उन्हें नया मौका नहीं दिया जाएगा। उनके विधायक पद को रद करने की पूरी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि बृष्केतु देबबर्मा को विधायक पद रद करने का फैसला इसी महीने लिया जाएगा।

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