अजमेर में चढ़ा चिश्ती रंग, शानो शौकत के साथ सजी कुल की महफिल
– जन्नती दरवाजा हुआ बंद, बड़े पीर की पहाड़ी से दी गई तोपों की सलामी
नई दिल्ली/अजमेर, 08 फरवरी (हि.स.)। ख्वाजा गरीब नवाज रह. के 810वें उर्स मुबारक के मौके पर दरगाह शरीफ स्थित महफिल खाने में कुल की महफिल सम्पन्न हुई। सज्जदानशीन दीवान सैयद जैनुलआबेदीन अली खान की सदारत में आयोजित महफिल-ए-कुल में दरगाह शरीफ के शाही कव्वाल ने हजरत अमीर खुसरो के कलाम को पेश किया। जैसे ही हारमोनियम और तबले की थाप पर ‘आज रंग है रि माँ रंग है रि..‘ गूंजा उसी के साथ पूरी दरगाह शरीफ़ का माहौल चिश्तीया रंग में सराबोर नजर आया। हर तरफ ख्वाजा के चाहने वालों की फरियादें और इस 810वें उर्स मुबारक में शामिल होने की खुशी थी। सब की बस एक ख्वाहिश थी कि ‘करम की बस एक नजर हो या ग़रीब नवाज‘। ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स समारोह तमाम रस्मों की अदायगी के बाद सम्पन्न हो गया है।
कुल की महफिल के साथ ही सुराही में गुलाब जल और केवड़े का पानी छिड़का गया। कुल के छींटे को पाने की हसरत में हर कोई नजर आया। दरगाह शरीफ़ में देर रात से धुलाई का सिलसिला शुरू हो गया था जिससे की पूरी दरगाह के अहाते में एक रूहानी फिज़ा फैली हुई महसूस हुई। कुल की महफिल के साथ ही दरगाह शरीफ के कदीमी रस्मों को मौरूसी अमले की जानिब से पूरा किया गया। जहां बड़े पीर की पहाड़ी से तोपों की सलामी दी गई वहीं नक्कारखाने से शादियाने बजाए गए। कुल की महफिल समाप्त होने के साथ ही सज्जादानशीन दरगाह ख्वाजा साहब आस्ताना शरीफ में हाजरी के लिए पहुंचे। इसी के साथ जन्न्ती दरवाज़ा बंद हो गया।
सज्जादानशीन साहब के आस्ताना शरीफ़ में जाने के साथ ही तारिखी छतरी गेट से मलंद और कलंदर हजरात के महफिल खाने पहुंच कर दागोल की रस्म को अदा किया। कुल की महफिल होने के साथ ही आस्ताना शरीफ में बदला खिदमत का वक्त पहले की तरह हो जाएगा। अब रोजाना जोहर की नमाज के बाद आस्ताना शरीफ की खिदमत की जाएगी। ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर दरगाह कमेटी द्वारा सभी आशिके ख्वाजा और जिला प्रशासन का शुक्रिया अदा किया गया।
इस मौके पर दरगाह कमेटी के चेयरमैन अमीन पठान ने अपने संदेश में कहा कि यह ख्वाजा गरीब नवाज रह. का करम है कि हर साल की तरह इस साल भी आपका उर्स मुबारक अपनी पूरी शानो शौकत और अजमत के साथ मनाया गया। हम दुआ करते हैं कि पूरी दुनिया जल्द कोरोना महामारी से निजात पाए। उर्स के मौके पर दरगाह कमेटी के नायब सदर मुनव्वर खान, सदस्य सैयद बाबर अशरफ, सैयद शाहिद हुसैन रिज़्वी, सपात खान, वसीम राहतअली, जावेद पारेख सहित नाज़िम शादां जैब खान उपस्थित रहे।
ख्वाजा ग़रीब नवाज़ के उर्स के मौके पर कायड़ विश्रामस्थल पर जिला प्रशासन एवं दरगाह कमेटी की ओर से जायरीन के लिए समस्त व्यवस्था की गई। प्रातः दस बजे सुन्नी दावते इस्लामी के शाकिर अली नूरी ने विशेष दुआ का आयोजन किया। इस अवसर पर मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ की गई। इस वर्ष लगभग 450 से अधिक बसों के जरीये जायरीन कायड़ विश्रामस्थल पहुंचा। विश्रामस्थल पर जायरीन के लिए मुफ्त चिकित्सा, पानी, रैन बसेरा, मोबाइल चार्जिंग, विद्युत, लंगर इत्यादि की व्यवस्था की गई।
प्रशासन ने उचित मूल्य की दुकानों से भी लोगों ने लाभ उठाया। राजस्थान रोडवेज की जायरीन को अजमेर शहर लाने और ले जाने में अहम भूमिका रही। इसी के साथ जायरीन की सुरक्षा व निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये गए। नकद राशि प्राप्त करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मोबाइल एटीएम वैन लगवाई।