कानपुर, 06 फरवरी (हि.स.)। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की कानपुर यूनिट ने इटावा के चम्बल सेंचूरी क्षेत्र से पकड़े गए कछुओं की खेप को तस्करी कर ट्रक से कोलकाता ले जा रहे तस्करों समेत पकड़ा है। पकड़े गए दोनों तस्कर जम्मू के रहने वाले हैं। पूछताछ में तस्करों ने विभिन्न प्रजातियों के कछुओं से शक्तिवर्धक दवाएं बनाए जाने की बात बताई है। 20 कुंतल बरामद कछुओं को वन विभाग को सौंपते हुए पकड़े गए तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ की कानपुर यूनिट प्रभारी शैलेन्द्र सिंह और दरोगा शिवेंद्र सेंगर को सूचना मिली कि इटावा से तस्करी कर दुर्लभ प्रजातियों के कछुओं को कोलकाता ले जाया जा रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने जाल बिछाया और चकेरी थाना क्षेत्र अंतर्गत रामादेवी फ्लाईओवर से गुजर रहे कंटेनर ट्रक को पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान कंटेनर ट्रक में 20 कुंतल दुर्लभ प्रजाति के कछुओं को बरामद कर लिया गया।
एसटीएफ कानपुर यूनिट की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, इटावा से तस्करी कर कलकत्ता जा रहे कंटेनर ट्रक को पकड़ा गया है। तस्करी के कछुओं के साथ दो आरोपितों को पकड़ा गया है। आरोपितों से पूछताछ में उनके जम्मू प्रांत के रहने वाले होने का पता चला है। पकड़े गए आरोपियों में जावेद पुत्र गुलाम हैदर निवासी ग्राम बिलावर जनपद कठुवा व मोहम्मद फारुख पुत्र गुलाम सरवर खान निवासी विलावर जनपद कठुवा हैं। इनके कब्जे से 20 कुंतल कछुआ बरामद किया गया है। बरामद कछुओं को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है।
मामले में डीएफओ राकेश कुमार ने बताया कि बोरों में बंद 1878 कछुओं को बरामद किया गया है। ये सुंदरी प्रजाति के कछुए हैं और भारत में पकड़ा जाना प्रतिबंधित है। पूछताछ में आरोपितों से पता चला है कि इटावा से कछुओं की खेप कोलकाता ले जाया जा रहा था। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
सेक्सवर्धक दवाओं में होता है इस्तेमाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इटावा के चम्बल सेंचुरी क्षेत्र से गैरकानूनी तरीके से स्थानीय मछुवारों से पकड़वाया जाता है और फिर उन्हें तस्करी कर कोलकाता पहुंचाया जाता है। जहां से उन्हें मारकर कैलोपी से शक्ति व सेक्सवर्धक दवाएं बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसके साथ ही कोलकाता से बांग्लादेश के रास्ते चीन, हांगकांग व थाईलैंड भी इन्हें भेजा जाता है।
कछुओं के चिप्स तीन हजार रुपए किलो में बिकते हैं। स्थानीय बाजार में कछुआ सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये में मिलता है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक हजार रुपये किलो के हिसाब से बेचा जाता है।