Tribute : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लता मंगेशकर को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, लता दीदी के निधन से सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि प्रत्येक भारतीय के मन में जो वेदना और रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसको शब्दों में वर्णन करना कठिन है। आठ दशक के ऊपर अपनी स्वर वर्षा से भारतीयों के मनों को सिक्त करने वाला, तृप्त करने वाला, शांत करने वाला आनंदघन आज हमने खो दिया। वो अब नहीं बरसेगा।

उन्होंने कहा कि लता दीदी शुचिता और साधना की प्रतिमूर्ति थीं। उनकी संगीत साधना के बारे में तो बहुत सारे लोग जानते हैं। इतनी स्वरसिद्ध और विश्वमान्य गायिका होने के बाद भी किसी गीत को गाना है तो उसकी तैयारी और उसका अभ्यास वो उतना ही करती थीं जितना की अपने गायन के प्रारंभिक दौर में करती थीं।

डॉ. भागवत ने कहा, लदा दीदी की ये तपस्या ही है कि अपने व्यक्तिगत, कौटुंबिक, सामाजिक एवं व्यावसायिक जीवन में, सर्वत्र उनका व्यवहार शुचिता और तपस्या का आदर्श एवं अनुकरणीय उदाहरण था। ऐसे सार्थक जीवन का उदाहरण प्रस्तुत करने वाली लता दीदी चली गईं। हमको उसके दुख को सहन करने का धैर्य और मंगेशकर परिवार को भी इस आघात को सहन करने का धैर्य भगवान प्रदान करें। मैं उनकी पवित्र स्मृति में संघ की ओर से और मैं अपनी ओर से भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश जोशी उपाख्य भैयाजी ने शोक संदेश में कहा, लताजी के निधन से सारा देश दुखी है। अंतःकरण वेदना से भरा हुआ है। लताजी की ऐसी प्रतिभा रही हैं कि उनका स्थान जनसामान्य के अंतःकरण में बहुत गहराई से स्थापित रहा है। संगीत को श्रेष्ठ ऊंचाइयों पर उन्होंने लाकर स्थापित किया। उसका पावित्र्य, उसका मांगल्य उनके स्वरों से प्रकट होता रहा। उनके स्वर सुनने वाले किसी भी व्यक्ति के अंतःकरण की गहराइयों में पहुंचकर संस्कार के रूप में प्रकट होता रहा। उनका जीवन संगीत क्षेत्र के जो भी आदर्श मापदंड हैं उस पर श्रेष्ठ सिद्ध हुआ है। आज विश्वभर के संगीतप्रेमी उनके जाने के बाद रिक्तता का अनुभव कर रहे हैं।

भैयाजी जोशी ने कहा कि सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर एक उचित गौरव का स्थान तो दिया ही है, लेकिन जनसामान्य के अंतःकरण में उनका स्थान इससे भी वास्तविक रूप से कहीं ऊंचा है। गीतों में प्रकट होने वाली उनकी भावना, संवेदना हम सबके लिए सदैव स्मृति में रहेगी। मैं अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *