नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। देश में चालू चीनी विपणन वर्ष 2021-22 की अक्टूबर-जनवरी की अवधि के दौरान चीनी का उत्पादन 5.64 फीसदी बढ़कर 1.87 करोड़ टन होने का अनुमान है। चीनी मिलों ने पिछले विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-जनवरी) की इसी अवधि में 1.77 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था। भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उद्योग निकाय इस्मा ने जारी एक बयान में कहा कि चालू चीनी विपणन वर्ष में 31 जनवरी, 2022 तक देश में 507 चीनी मिलों ने 187.08 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि पिछले सीजन में 491 मिलों ने 177.06 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। इस्मा के मुताबिक पिछले चीनी सीजन की तुलना में इस सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन 10.02 लाख टन अधिक रहा है।
इस्मा के मुताबिक देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष की अक्टूबर-जनवरी की अवधि के दौरान घटकर 50.3 लाख टन रहा, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 54.4 लाख टन रहा था। हालांकि, देश के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 63.8 लाख टन से बढ़कर 72.9 लाख टन हो गया।
इसके साथ ही देश के तीसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य, कर्नाटक में उक्त अवधि में चीनी का उत्पादन 34.5 लाख टन से बढ़कर 38.7 लाख टन हो गया। चालू चीनी विपणन वर्ष में 31 जनवरी तक गुजरात में चीनी का उत्पादन 5,75,000 टन और तमिलनाडु में 2,88,000 टन तक पहुंच गया, जबकि शेष राज्यों ने सामूहिक रूप से समीक्षाधीन अवधि में 16.4 लाख टन चीनी का उत्पादन किया।
भारतीय चीनी मिल संघ ने चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान में चीनी उद्योग के लिए बजट आवंटन बढ़ाकर 6,844 करोड़ रुपये करने के कदम का स्वागत किया है। इससे पहले यह आवंटन 4,337 करोड़ रुपये था। उद्योग निकाय इस्मा का कहना है कि यह गन्ने के भुगतान का निपटान करने की दिशा में सकारात्मक कदम है।
इस्मा ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए केंद्रीय बजट आवंटन में एथनॉल उत्पादन क्षमता में वृद्धि के मकसद से चीनी मिलों को वित्तीय सहायता देने के लिए 300 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी एथेनॉल आपूर्ति को बढ़ावा देगी, जो देश के तेल आयात के मद में होने वाले खर्चे में कमी लाएगी।