नई दिल्ली, 03 फ़रवरी (हि.स.)। तमिलनाडु सरकार लावण्या आत्महत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। तमिलनाडु सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है।
लावण्या के परिवार ने तमिलनाडु पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया था। 17 साल की लावण्या ने अपने स्कूल पर ईसाई बनने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा कर आत्महत्या की थी। लावण्या के मामले में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर लावण्या की मौत की जांच की मांग की है।
अश्विनी उपाध्याय की याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु के तंजावुर में एक मिशनरी स्कूल में 19 जनवरी को लावण्या की मौत हो गई। लावण्या 12वीं कक्षा की छात्रा थी। याचिका में लावण्या की मौत की जांच एनआईए, सीबाआई, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग की गई है। याचिका में दूसरी घटनाओं का भी ब्यौरा दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि मिशनरी स्कूल ने ईसाई धर्म अपनाने के लिए छात्रा को प्रताड़ित किया, जिससे उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मामले की जांच की मांग की।
याचिका में दबाव, लालच या धोखे से धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि धोखे से धर्म परिवर्तन कराना संविधान की धारा 14, 21 और 25 का उल्लंघन है। याचिका में मांग की गई है कि लॉ कमीशन धोखे से धर्म परिवर्तन पर नियंत्रण के लिए एक कानून बनाने के लिए रिपोर्ट तैयार करे।