नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। वित्त बजट 2022-23 में रक्षा क्षेत्र में सेना, नौसेना और वायु सेना के नए साजो सामान की खरीद के लिए 1.52 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है। इस बार का कुल रक्षा बजट 5.25 लाख करोड़ रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में यह 4.78 लाख करोड़ था। रक्षा बजट वित्त बजट 2022-23 का 13.3 प्रतिशत है। यह देश के जीडीपी का 2.3 प्रतिशत बनता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र में घरेलू साजो-सामान उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़ी घोषणा की है। बजट का 68 प्रतिशत स्वदेशी खरीद के लिए होगा। पूंजीगत खरीद बजट 2021-22 में 58 प्रतिशत था। वहीं 25 प्रतिशत शोध एवं विकास कार्यों के लिए खर्च किया जाएगा जिसमें निजी क्षेत्र, स्टार्टअप और शोध संस्थान शामिल हैं।
सरकार का कहना है कि वह रक्षा क्षेत्र में आयात को कम करने और सशस्त्र बलों के लिए उपकरणों में आत्मनिर्भारता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। निजी उद्योग को एसपीवी मॉडल के माध्यम से डीआरडीओ और अन्य संगठनों के सहयोग से सैन्य प्लेटफार्मों और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। व्यापक परीक्षण और प्रमाणन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक स्वतंत्र नोडल अम्ब्रेला निकाय की स्थापना की जाएगी।
केंद्रीय बजट 2022-23 में कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय की परिकल्पना की गई है। इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5.25 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये की राशि शामिल है। कुल रक्षा बजट में 2021-22 के बजट अनुमानों की तुलना में 9.82 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
मंत्रालय के अनुसार रक्षा सेवाओं के पूंजीगत परिव्यय के तहत कुल आवंटन 2013-14 में 86,740 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 1.52 लाख करोड़ कर दिया गया है। नौ वर्षों की अवधि में यह 76 प्रतिशत की वृद्धि है। इसके अलावा इस अवधि के दौरान रक्षा पेंशन सहित कुल रक्षा बजट में 107.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 5.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
मंत्रालय के अनुसार समग्र पूंजी बजट में वृद्धि आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास में सतत वृद्धि और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में सरकार के संकल्प को दर्शाती है।
महत्वपूर्ण सुरंगों (सेला और नेचिफू सुरंग) और प्रमुख नदियों पर पुलों सहित सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रगति में तेजी लाने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का पूंजी बजट 40 प्रतिशत बढ़ाकर 3,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है। समग्र समुद्री सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कुल 46,323 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ भारतीय नौसेना के पूंजीगत बजट में 44.53 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वहीं तटीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारतीय तटरक्षक बल का पूंजीगत बजट 60.24 प्रतिशत बढ़ाकर 4,246 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा- बजट में जन-समर्थक सुधारों पर ध्यान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि बजट ‘आत्मनिर्भर भारत’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास और जन-समर्थक सुधारों पर ध्यान देने की सोच दर्शाता है। उन्होंने इसे विकासोन्मुखी बजट करार दिया। उन्होंने कहा कि आरएंडडी बजट का 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी संस्थाओं के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव एक उत्कृष्ट कदम है।
रक्षा मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि इस वर्ष के बजट ने प्रभावी पूंजीगत व्यय के लिए कुल परिव्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 10.6 लाख करोड़ से अधिक कर दिया है, जिसमें से अधिकांश धन देश में सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे के विकास में जा रहा है।
घरेलू खरीद के लिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत आवंटित करने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि यह ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देने के अनुरूप है और निश्चित रूप से घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भूमि सुधारों का डिजिटलीकरण भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल देगा और किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए नए अवसर पैदा करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।