पेशावर, 1 फ़रवरी (हि.स.)। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले रुक नहीं रहे हैं। पाकिस्तान के एक प्रमुख शहर पेशावर में एक पादरी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इससे अल्पसंख्यकों में आक्रोश है और उनका कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। अब एक पादरी की हत्या अल्पसंख्यकों के ऊपर हो रहे उत्पीड़न व अत्याचार का नया नमूना बनकर सामने आई है। पेशावर में चर्च से प्रार्थना कर घर लौट रहे एक पादरी की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस ने इसे आतंकी कृत्य करार दिया किन्तु अल्पसंख्यक समुदाय इस घटना को अपनी असुरक्षा से जोड़ कर देख रहा है। अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय ने इस घटना की निंदा की है। घटना पर नाराजगी जताते हुए ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों ने दोषी लोगों पर तुरंत कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस के मुताबिक पेशावर के गुलबहार इलाके में बिशप विलियम सिराज पर हमला कर उन्हें कई गोलियां मारी गईं। गोलीबारी से घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। इस हमले में फादर नईम पैट्रिक घायल हो गए हैं। पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू करने का दावा किया है। पुलिस इसे आतंकी घटना करार दे रही है किन्तु किसी भी आतंकी संगठन ने अब तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस अधिकारी अब्बास अहसान ने कहा कि घटना में दो हमलावर शामिल थे। पुलिस टीम हमलावरों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रही है।