नई दिल्ली, 09 मई (हि. स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि गुरुदेव ने अपने ओजस्वी विचारों से राष्ट्रीय चेतना को आकार देकर स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा व गति दी।
शाह ने रविवार को ट्वीट कर कहा,” ज्ञान व दर्शन के प्रकाश पुंज गुरुदेव टैगोर ने एक ओर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व से पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की यशश्री को आलोकित किया तो दूसरी ओर अपने ओजस्वी विचारों से राष्ट्रीय चेतना को आकार देकर स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा व गति दी। ऐसे युगदृष्टा के चरणों में कोटिशः नमन।”
उल्लेखनीय है कि गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। वह पहले भारतीय, पहले एशियाई और पहले गैर यूरोपीय थे जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
टैगोर के पिता चाहते थे कि वह वह बैरिस्टर बनें। इसलिए ब्रिटेन, इंग्लैंड में वह पढ़ने गए। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को किंग जॉर्ज पंचम द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया। जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध स्वरूप उन्होंने इस उपाधि को त्याग दिया। उन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखे। भारत के लिए जन गण मन और बांग्लादेश के लिए आमार सोनार बांग्ला। श्रीलंका का राष्ट्र गान भी गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया।
पहली बार गांधी जी को महात्मा कहने का श्रेय उन्हीं को जाता है। गीतांजलि की रचना के लिए 1913 में उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
2021-05-09