डॉ दिलीप अग्निहोत्री
वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का विचार भारत की विरासत रही है। देश की सभी सरकारों ने सदैव इस भावना के अनुरूप कार्य किया है। दुनिया के किसी भी देश में आपदा के दौरान राहत पहुंचाने में भारत अग्रणी रहा है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि शांतिसेना व चिकित्सा दल में भारत के लोगों को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। क्योंकि भारत के जवान व चिकित्सक विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी शानदार कार्य करते हैं। विकसित देश भी इस मामले में भारत से बहुत पीछे हैं।
निश्चित ही कोरोना की दूसरी लहर ने भारत को हिलाकर रख दिया है। देश ऑक्सीजन व बेड की कमी का सामना कर रहा है। अनेक देश भारत की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं। यह कोई एकतरफा व्यवहार नहीं है। भारत भी अनेक अवसरों पर इन देशों की आपदा के समय सहायता कर चुका है। लेकिन ऐसा लगता है कि देश के कतिपय बुद्धिजीवियों को यह बात पसन्द नहीं है। उन्हें या तो भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है या उनके लिए यह भी सरकार के विरोध का अवसर है। वे तंज कस रहे हैं और पूछ रहे हैं कि क्या यही विश्वगुरु भारत है। उनके निशाने पर आत्मनिर्भर भारत अभियान भी है।
ज्यादा समय नहीं हुआ जब कोरोना की पहली लहर में अमेरिका, यूरोप के सभी विकसित व समृद्ध देश लाचार नजर आ रहे थे। उनके यहां स्वस्थ्य की अति आधुनिक सुविधाओं की कोई कमी नहीं थी। फिर भी कोरोना की पहली लहर का ये धनी देश ठीक से मुकाबला नहीं कर सके थे। तब भारत ने इन देशों की सहायता की थी। तब भारत रैपिड एंटीजेन डिटेक्शन टेस्ट किट, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स पीपीई किट, मास्क और अन्य सुविधाओं में न केवल आत्मनिर्भर बना था, बल्कि अमेरिका व यूरोपीय देशों की यह सहायता प्रदान कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाईडेन ने इस सच्चाई को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पतालों पर भारी दबाव था, उस समय भारत ने अमेरिका के लिए जिस तरह सहायता की थी, उसी तरह भारत की जरूरत के समय मदद करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बताया कि भारत के लोगों के साथ मुसीबत के समय में साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।
अमेरिका भारत को हरसंभव सहायता मुहैया कराने के लिए खड़ा है। अमेरिका भारत को वैक्सीन बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल की सप्लाई करेगा। फ्रंट लाइन वर्कर्स को बचाने के लिए अमेरिका की तरफ से तुरंत रैपिड डाइगोनॅस्टिक टेस्ट किट, वैन्टिलेटर और पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाएगी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को भारत विरोधी माना जाता है लेकिन भारत द्वारा दी गई सहायता ने उनके विचारों को भी बदला है। उन्होंने कहा कि अमेरिका कोरोना के खतरनाक प्रकोप के समय अतिरिक्त सहायता और आपूर्ति में तेजी के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। हम सहायता प्रदान कर रहे हैं। कोविशील्ड टीके के उत्पादन हेतु अमेरिका तत्काल कच्चा माल प्रदान करेगा। अमेरिका तत्काल कोविड-19 टीके के लिए कच्चा माल, मेडिकल उपकरण और चिकित्सकीय सुरक्षा उत्पाद उपलब्ध कराएगा। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एमिली ने कहा कि अमेरिका अपने पास मौजूद संसाधनों और आपूर्ति को तत्काल भेजने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।
अमेरिका सहित अन्य देशों के साथ भारत चेचक, पोलियो और एचआईवी संक्रमण का मुकाबला करने के लिए सहयोग करता रहा है। रूस, सिंगापुर, सऊदी अरब और राष्ट्रमंडल देशों की ओर से भारत को ऑक्सीजन सहित विभिन्न चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति शुरू हो रही है। नई दिल्ली स्थित ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनका देश महामारी से निपटने के लिए भारत को आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करा रहा है।
केन्द्र सरकार ने ऑपरेशन ऑक्सीजन दोस्ती शुरू की है। अडानी समूह ने आयात कर मंगाई अस्सी मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंच गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर भी आने वाले हैं। इसके अलावा सरकार ने बड़ी संख्या में पाइप आदि अन्य जरूरी सामान भी आयात किया है, जो जल्द ही बंदरगाह पर पहुंचने वाले हैं। सरकार ने बंदरगाहों पर ऑक्सीजन या संबंधित संसाधनों को ले जाने वाले जहाजों को प्राथमिकता देने का फैसला किया गया है। कच्छ के दो मुख्य बंदरगाहों कंडला और मुंद्रा में ऑक्सीजन और संबंधित सामग्रियों का आयात शुरू हो गया है।
फ्रांस ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए भारत को चिकित्सा ऑक्सीजन सहायता प्रदान करने का एलान किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने रविवार को कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों से जूझ रहे भारत को फ्रांस आने वाले दिनों में मेडिकल ऑक्सीजन क्षमता के साथ उसकी मदद करने की योजना पर काम कर रहा है। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और यूरोपीय संघ ने भारत को महामारी के खिलाफ मदद करने की योजना की घोषणा की है। इन देशों ने भारत में अस्पताल के बेड और मेडिकल ऑक्सीजन का भंडारण करने की योजना बनाई है। चांसलर मैर्केल ने कहा कि भारत को मदद करने के लिए एक मिशन तैयार है। जबकि जल्द ही ब्रिटेन छह सौ से ज्यादा वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर भारत भेज रहा है। सैकड़ों ऑक्सीजन कंसनट्रेटरों व वेंटिलेटरों समेत अहम चिकित्सा उपकरण ब्रिटेन से आ रहे हैं।
यूरोपीय संघ ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। यूरोपीय संघ (ईयू) ने रविवार को कहा कि वह कोविड-19 से लड़ने में भारत की तेजी से मदद के लिए संसाधन जुटा रहा है। इस सत्ताइस देशों के शक्तिशाली समूह के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईयू ने पहले ही अपनी नागरिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय कर दिया है। ताकि भारत को तत्काल ऑक्सीजन और दवा आपूर्ति सहित अन्य मदद की जा सके। इस प्रणाली के तहत ईयू समूह यूरोप और इससे परे आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी समन्वय में केंद्रीय भूमिका निभाता है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष वोन डेर लेयेन ने कहा कि ईयू भारत के लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है।
2021-04-28