नई दिल्ली, 24 अप्रैल (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ‘राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस’ के अवसर पर पंचायतों और निकायों को अधिकार संपन्न बनाने के लिए राज्यों से पंचायती राज संस्थाओं को 3-एफ अर्थात धन, अधिकार और कर्मचारी उपलब्ध कराने के साथ ही 73वें और 74वें संविधान संशोधन को अक्षरश: लागू करने की सलाह दी है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर, स्थानीय स्तर पर कोविड के खिलाफ अभियान में जुटे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं का अभिनंदन..इस विषम परिस्थिति में नागरिकों को सुरक्षित रखने में आपकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है।आज राष्ट्र आपके साथ खड़ा है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “हमारे जैसे विशाल देश में, वर्तमान विकट परिस्थिति में समाज के हर कोने में हर व्यक्ति तक पहुंचने में पंचायती राज संस्थाएं सार्थक भूमिका निभा रही हैं। राज्यों को पंचायती राज संस्थाओं को 3एफ उपलब्ध कराने चाहिए – फंड (धन), फंगक्शन (अधिकार) और फंगक्शनेरी (कर्मचारी)।”
उपराष्ट्रपति ने कहा, “73वें और 74वें संविधान संशोधन को अक्षरश: लागू करके, हम भारत में लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूती प्रदान कर सकते हैं।”
उल्लेखनीय है कि 73वां संविधान संशोधन 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ था। अत: 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस संविधान संशोधन से सभी प्रदेशों में पंचायती राज व्यवस्था का ढांचा त्रि-स्तरीय हो गया, जिसमे सबसे नीचे यानी पहले स्थान पर ग्राम पंचायतें आती हैं, बीच में मंडल आते हैं जिन्हें खंड या तालुका भी कहते हैं और अंत में सबसे ऊपर ज़िला पंचायतों का स्थान आता है। संशोधन से पहले कई स्थानों पर चुनावों की कोई भी प्रत्यक्ष एवं औपचारिक प्रणाली नहीं थी। इसमें यह व्यवस्था की गई कि चुनाव सीधे जनता करेगी और प्रत्येक पंचायती निकाय की अवधि 5 वर्षों की होगी। सभी पंचायती संस्थानों में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिये आरक्षित की गईं और साथ ही सभी स्तरों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये भी आरक्षण की व्यवस्था की गई। राज्यों के लिये यह अनिवार्य किया गया कि वे राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करें, इन आयुक्तों को राज्य में सभी स्तरों पर पंचायती संस्थानों के चुनाव करने की ज़िम्मेदारी दी गई। उल्लेखनीय है कि 74वें संविधान संशोधन में भी 73वें संविधान संशोधन के प्रमुख प्रावधान जैसे- प्रत्यक्ष चुनाव और आरक्षण आदि शामिल हैं।