सेना ने बाड़मेर में पांच घंटे के भीतर बना दिया सौ बेड का कोविड केयर सेंटर

बाड़मेर, 23 अप्रैल (हि. स.)। सरहदों पर जान की हिफाजत करने वाले भारतीय सेना के जवान अब कोरोना की आपदा में भी इंसानी जीवन बचाने के लिए जुट गए हैं। सरहदी बाड़मेर जिले में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मरीजों की जान बचाने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने इंजीनियरिंग कॉलेज में महज पांच घटों में सौ बेड का कोविड सेंटर तैयार कर दिया है। यह सेंटर शुक्रवार को जिला प्रशासन के सुपुर्द किया जाएगा।

सरहदी बाड़मेर जिले में कोरोना रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां अब तक 6 हजार 303 मरीज मिल चुके हैं, जबकि कोरोना संक्रमण से 61 मरीजों की मौत हो चुकी है। जिले में कोरोना के सक्रिय केसेज की संख्या बढक़र 1049 हो चुकी है। जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमितों के लिहाज से प्रशासन को यह लग रहा है कि अस्पतालों में मरीजों को रखने की जगह नहीं है। लिहाजा, बाड़मेर के प्रशासन ने पिछले दिनों सेना से मदद मांगी थी। भारतीय सेना से कोविड केयर सेंटर तैयार करने का आग्रह करने पर आर्मी के जवानों ने बुधवार को महज 5 घंटों में 100 बेड का कोविड सेंटर तैयार कर दिया। इसके लिए सेना की एक यूनिट के जवान तैनात किए गए। 
बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाबूलाल विश्रोई ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि जिले में तेजी से बढ़ते कोरोना रोगियों के आंकड़ों को देखकर जिला कलेक्टर मोहन दान रतनू के माध्यम से भारतीय सेना से मदद मांगी गई थी। उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज में सौ बेड का एक कोविड सेंटर तैयार कर लिया है। शुक्रवार को जिला प्रशासन की टीम इसका निरीक्षण कर इसे अपने कब्जे में लेगी। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय की बालिका स्कूल समेत अन्य स्थानों पर भी ऐसा ही अभिनव प्रयोग किया जाएगा। इंजीनियरिंग कॉलेज में बनाए गए कोविड सेंटर में संसाधन जिला प्रशासन की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं, जबकि इसे तैयार सेना के जवानों ने किया है। जिला प्रशासन को सुपुर्द करने के बाद इस सेंटर में उन रोगियों को रखा जाएगा, जिनकी रिपोर्ट आरटीपीसीआर टेस्ट में नेगेटिव आ रही है, जबकि वे पॉजिटिव है। अन्य पॉजिटिव तथा ऑक्सीजन की जरुरत वाले मरीजों को अस्पताल में ही रखा जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सत्ताराम चौधरी ने बताया कि कोरोना रोगियों में बढ़ोतरी के चलते इस समय बेड की कोई कमी ना हो, इसलिए हमने सेना से मदद मांगी है। सेना ने एक सेंटर बनाकर हमें सुपुर्द कर दिया है। 

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