नई दिल्ली, 23 अप्रैल (हि.स.)।कोरोना जिस रफ्तार से देश के लोगों को संक्रमित कर रहा है, उसी रफ्तार से देश की अर्थव्यवस्था के एक बार फिर ढहने की आशंकाएं बनने लगी हैं। माना जा रहा है कि कोरोना की इस रिकॉर्ड तोड़ रफ्तार के कारण जडीपी पर काफी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अभी तक के हालात में ही देश की अर्थव्यवस्था को 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही जीडीपी विकास दर के भी गिरने की आशंका जताई जा रही है। भारतीय स्टेट बैंक की इकोनॉमी कंडीशन रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण देश का सकल घरेलू उत्पाद बुरी तरह से प्रभावित होगा। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन या सेमी लॉकडाउन जैसे उपाय अपनाये जा रहे हैं। अगर अभी जैसी स्थिति है, वैसी ही स्थिति रही, तब भी अर्थव्यवस्था को करीब डेढ लाख करोड़ रुपय का नुकसान सहना होगा, लेकिन अगर लॉकडाउन जैसे हालात आगे भी जारी रहे या अन्य राज्यों तक इसका विस्तार हुआ तो अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान का दायरा काफी विशाल हो सकता है। स्टेट बैंक की रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि लॉकडाउन और पाबंदियों की वजह से होने वाला सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान को होगा। इस रिपोर्ट के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान की वजह से जीडीपी विकास दर भी 11 फीसदी की वृद्धि के अनुमान की जगह घटकर 10.4 फीसदी के स्तर पर आ सकती है। माना जा रहा है कि जीडीपी विकास दर में कमी आने में सबसे ज्यादा योगदान महाराष्ट्र का होगा, क्योंकि कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले भी इसी राज्य में ही हैं। संयोग से महाराष्ट्र ही देश की जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान भी करता है। भारतीय स्टेट बैंक के आकलन के अनुसार महाराष्ट्र की कुल जीडीपी 29.80 लाख करोड़ रुपये की है। कोरोना संक्रमण के कारण लगाई गई पाबंदियों के कारण राज्य को करीबन 81672 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। आर्थिक नुकसान के मामले में मध्य प्रदेश के दूसरे नंबर पर रहने की आशंका जताई जा रही है। मध्य प्रदेश की जीडीपी 11.30 लाख करोड़ रुपये की है। इस राज्य को कोरोना की वजह से 21712 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था को होने वाले 1.5 लाख करोड़ रुपये के नुकसान में से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की हिस्सेदारी लगभग 80 फीसदी होगी। इसमें अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 54 फीसदी की होगी। रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक नुकसान का सामना करने वाले राज्यों में राजस्थान तीसरे नंबर पर है। इसकी जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपये की है और इसे 17232 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है। इसी तरह छत्तीसगढ़ की जीडीपी 3.80 लाख करोड़ रुपये की है और इसे 7347 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। जबकि 7.60 लाख करोड़ रुपये की जीडीपी वाले बिहार को कोरोना की वजह से 6222 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन किया गया है। इसी तरह 9 लाख करोड़ जीडीपी वाली दिल्ली को 5178 करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई गई है। स्टेट बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों को ये नुकसान इसलिए होगा, क्योंकि यहां कोरोना पर काबू पाने के लिए नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन या फिर लॉकडाउन जैसे कदम उठाए गए हैं, जिससे इन राज्यों की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि जैसे जैसे पाबंदियों को सख्त किया जाएगा, वैसे वैसे आर्थिक मोर्चे पर स्थितियां और बिगड़ती जाएंगी। आपको बता दें कि देश की जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान सबसे ज्यादा 13.9 फीसदी है। देश में कुल वाहनों की बिक्री में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 10 फीसदी है, इसी तरह स्मार्टफोन की बिक्री में भी इसकी हिस्सेदारी 10 फीसदी की है। बैंकों की डिपॉजिट में अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 19.7 फीसदी की है, जबकि उधारी में इस राज्य की हिस्सेदारी 26.1 फीसदी की है। यही वजह है कि रिपोर्ट में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अगर महाराष्ट्र में लॉकडाउन को और आगे बढ़ाया गया, तो देश की अर्थव्यवस्था को होने वाला नुकसान और भी ज्यादा हो जाएगा।
2021-04-23