राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन के बीच जरूरी सेवाएं रहेंगी जारी (राउंडअप)

नई दिल्ली, 19 अप्रैल (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में अगले एक हफ्ते के लॉकडाउन के बीच अत्यंत जरूरी सेवाएं बहाल रहेंगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज रात 10 बजे से 26 अप्रैल को सुबह पांच बजे तक छह दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है।
आज यानी सोमवार को सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल की एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में बेवजह बाहर निकलने की इजाजत नहीं है। सिर्फ जरूरी कार्यक्षेत्र से जुड़े लोग बाहर आ पाएंगे। 
दिल्ली सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक सभी प्राइवेट ऑफिस को वर्क फ्रॉम होम करना होगा। सरकारी दफ्तर में आधे अधिकारी आ सकेंगे। अस्पताल जाने वाले, मेडिकल स्टोर जाने वाले, वैक्सीन लगवाने जाने वाले लोगों को लॉकडाउन में छूट मिलेगी। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टेशन जाने वाले लोगों को भी छूट मिलती रहेगी।
मेट्रो और बस सेवा चालू रहेंगी। लेकिन इसमें 50 फीसदी यात्रियों को ही आने-जाने की इजाजत मिलेगी। दिल्ली में बैंक, एटीएम खुले रहेंगे। दूध-सब्जी और  दवा की दुकानों के साथ पेट्रोल पंप भी खुले रहेंगे। धार्मिक स्थलों को खुला रखा जाएगा, लेकिन किसी श्रद्धालुओं के जाने की इजाजत नहीं है। इसके साथ फूड डिलीवरी की सुविधा बाधित नहीं की जाएगी।
दिल्ली में सभी थियेटर, ऑडिटोरियम, स्पा, जिम, स्विमिंग पूल को बंद करने का फैसला लिया गया है। पिछली बार थिएटर को कुछ क्षमता के साथ खोला गया था। पहले से तय शादी कार्यक्रम में छूट मिलेगी, लेकिन सिर्फ 50 से कम लोग ही शादी समारोह में शामिल हो सकेंगे। उसके लिए भी ई-पास लेना होगा।
जरूरी क्षेत्र से जुड़े जैसे प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों को आईडी कार्ड दिखाने पर ही बाहर सफर करने दिया जाएगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले सार्वजनिक परिवहन जारी रहेंगे। वहीं वैलीड टिकट के साथ आने जाने वाले किसी भी यात्री पर कोई पाबंदी नहीं होगी।  
किसी भी सार्वजनिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन पर पाबंदी रहेगी। किसी स्टेडियम में कोई मैच या आयोजन बिना दर्शकों के किया जाएगा। वहीं इस पाबंदी में उन छात्रों को छूट दी जाएगी जो किसी परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं, इसके लिए उन्हें एडमिट कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा।
दिल्ली के सभी जिला मजिस्ट्रेट और जिला पुलिस उपायुक्त और संबंधित सभी अधिकारियों को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने का आदेश दिया गया है।  यदि कोई भी व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।  
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। रविवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में कोरोना के 25 हजार 462 मामले सामने आये हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है कि वहीं दिल्ली लगातार आईसीयू बेड और ऑक्सीजन बेड की कमी जूझ रही है, जिसको देखते हुए संपूर्ण लॉकडाउन के अतिरिक्त दिल्ली सरकार के पास और कोई विकल्प नहीं बचा था।
पत्रकार वार्ता में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों से हमारी गुजारिश है कि वे लॉकडाउन का पूरा पालन करें और घर से बाहर नहीं निकलें। आपने हर बार मेरी अपील मानी है, पूरी उम्मीद है कि इस बार भी हमारा साथ देंगे। आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना की चौथी वेब आई है। अब कोरोना के 25 हजार केस तक आ रहे हैं। इससे हमारा हेल्थ सिस्टम तनाव में है। स्थिति नियंत्रण में रहे, इसलिए लॉकडाउन लगाया जा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि अगर हमने कड़े कदम नहीं उठाए तो हमारे अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा जाएगी। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि अभी सिस्टम कॉलेप्स कर गया है, लेकिन अगर कदम नहीं उठाए तो यह हो जाएगा। प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि छह दिन का बहुत छोटा लॉकडाउन लगा रहे हैं। प्रवासी मजदूरों से अपील है कि वे दिल्ली छोड़कर नहीं जाएं। हम उनकी हरसंभव मदद करेंगे।

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