मलिन बस्तियां विनियमित तथा सुधारीकृत होंगी : मुख्यमंत्री

देहरादून, 14 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अम्बेडकर जयंती पर मलिन बस्तियों को तोहफा दिया है। बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में डॉ. अम्बेडकर जयंती पर उन्होंने साफ कहा कि मलिन बस्तियों के विनियमितिकरण के साथ-साथ सुधारीकरण किया जाएगा। डॉ. अम्बेडकर जयंती पर दबे कुचले और गरीब लोगों के लिए इससे बड़ा और सम्मान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के  रूप में मलिन बस्तियों के विनियमितिकरण और सुधारीकरण की घोषणा करता हूं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर पहले कानून मंत्री थे लेकिन उनको जितना सम्मान मिलना चाहिए था, कांग्रेस के शासनकाल में नहीं मिल पाया। दलितों के नाम पर राज करने वाली कांग्रेस ने डॉ. अम्बेडकर को उपेक्षित बनाए रखा।  उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान निर्माण के साथ-साथ उस समाज की चिंता की जो गरीब था, पिछड़ा था और उपेक्षित था। किसी वर्ग या जाति का हो, उन्होंने सबका सम्मान किया। छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. अम्बेडकर को जो सम्मान दिया है, वह 70 वर्षों में नहीं मिला। उनके संग्रहालय बनाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में चल रहा है। 
अपने संबोधन में प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर को सही सम्मान देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 नवंबर, 2015 को किया था, जब संसद में दो दिन की परिचर्चा आयोजित की गई। उससे पहले इस दिन को कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए। इस अवसर पर सभी विशिष्टजनों ने डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा उन्हें याद किया। 
दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर केवल दलितों के नेता नहीं थे वरन वह दबे, कुचले, गरीबों के नेता थे। वह जल संरक्षण, पांच बाधों के निर्माण, महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की बात उठाने वाले पहले विशिष्ट व्यक्तित्व थे। उन्होंने बंगाल की एक घटना की चर्चा करते हुए कहा कि बंगाल मे एक बड़े नेता ने दलितों के संदर्भ में जो टिप्पणी की है तथा उन्हें भिखारी कहा गया है, उसका तथाकथित किसी दलित हितैषी किसी दल ने खंडन नही किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने दलित समाज को बराबरी का दर्जा दिलाने का कार्य किया। यही कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दलित समाज को नौकरी देने वाला बनाना चाहते हैं, मांगने वाला नहीं। डॉ. अम्बेडकर समरस भारत के पक्षधर थे। 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने समाज में प्रतिकूल परिस्थितियों में अपमानित होकर कार्य करने का काम किया है। ऐसे ही बिरले लोग देश का भाग्य संवारते हैं। वह हताश, निराश नहीं हुए। ऐसे समय में जब तमाम विपरीत परिस्थितियां थीं। उन्होंने डंके की चोट पर कहा था कि मैं भारतीय हूं, जो अपने आप में विशिष्ट चर्चा थी। उन्होंने कहा कि ऐसे संविधान विशेषज्ञ को कांग्रेस ने संसद में नहीं पहुंचने दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण था। इतना ही नहीं कांग्रेस के कार्यकाल में उन्हें भारत रत्न देने का कार्य भी नहीं किया और कांग्रेस ने उन्हें चुनाव हराकर उपेक्षित करने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि गैर कांग्रेसी सरकार ने डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न दिलाया। वर्षों पूर्व जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह उन्हें बहुत बाद में मिला। डॉ. अम्बेडकर सशक्त भारत निर्माण के सबल पक्षधर थे।  

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