मोदी सरकार के सात साल अर्थव्यवस्था के लिए निराशाजनक : चिदंबरम

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार के सात साल के कार्यकाल को देश की अर्थव्यवस्था के लिए निराशाजनक बताया है। आर्थिक मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के सात सालों को मुद्रास्फीति में वृद्धि, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट तथा रुपये व शेयर बाजार में गिरावट के लिए जाना जाएगा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को ट्वीट कर एक माह पूर्व सात साल पूरा करने वाली भाजपा नीत राजग सरकार के फैसलों और नीतियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि पिछले सात साल में देश ने सिर्फ मुद्रास्फीति का जोर, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट, रुपये में गिरावट और शेयर बाजार में गिरावट को देखा है। इतना ही नहीं, इसमें लगातार बढ़ता टैक्स, दिन-प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी और ज्यादा से ज्यादा लोगों के गरीबी और कर्ज में डूबने की बातें भी शामिल हैं। और यह सब विमुद्रीकरण के फैसले के बाद शुरू हुआ।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 के नवंबर माह से पहले स्थिति संतोषजनक थी लेकिन आठ नवंबर की रात विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद के पांच साल भारी कुप्रबंधन का परिणाम आज देश झेल रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से हर कदम गलत रहा है। उसके बावजदू सरकार यह स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि उसकी नीतियां और फैसले निराशाजनक रूप से गलत हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गलत ठहराते हुए चिदंबरम ने कहा कि वे आलोचनाओं को बर्दाश्त नहीं कर पाते और ना ही प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों की अच्छी सलाह मानते हैं। लेकिन देश का प्रतिनिधित्व करने वाले की यह जिम्मेदारी होती है कि वो देशवासियों की भी सुने। लेकिन इस सरकार में तो सुनने का प्रचलन ही नहीं है।

अपने इस ट्वीट के साथ कांग्रेस नेता ने तमिल कवि और संत तिरूवरल्लुवर द्वारा रचित तमिल भाषा के धर्मनीति शास्त्र ग्रंथ ‘कुरल’ की एक पंक्ति भी साझा की है। जिसमें लिखा है, “राजा, पुरुषों की रक्षा के बिना जो उसे फटकार देगा, नष्ट हो जाएगा, हालांकि उसे नष्ट करने के लिए कोई नहीं है।”

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