चुनाव आयोग की सख्ती पर ममता ने कहा : अपना दर्द साझा करने से कोई नहीं रोक सकता

कोलकाता, 11 अप्रैल (हि. स.)। तृणमूल सुप्रीमों ममता बनर्जी ने कूचबिहार के शीतलकुची में प्रवेश पर रोक संबंधी चुनाव आयोग के निर्देश पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें कोई भी पीडितों के साथ  दर्द साझा करने से नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा है कि तीन दिनों की निषेधाज्ञा समाप्त होते ही वह शीतलकुची जाकर पीड़ित परिवारों से मिलेंगी।

उल्लेखनीय है कि  पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए चौंथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार  के शीतलकुची  में केंद्रीय बलों की फायरिंग में चार लोगों की मौत के बाद चुनाव आयोग ने जो नई निर्देशिका जारी की है उसमें 72 घंटे तक कूचबिहार में  राजनेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आयोग की ओर से जारी निर्देशिका के मुताबिक जिले की भौगोलिक सीमा में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकेगा। जिला प्रशासन और राज्य पुलिस महानिदेशक को इस निर्देशिका को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया गया है। 

इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार सुबह ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि ईसी (चुनाव आयोग) को मोदी आचार संहिता (एमसीसी) के रूप में नाम बदलना चाहिए! भाजपा अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है, लेकिन इस दुनिया में कोई भी मुझे अपने लोगों के साथ होने और अपना दर्द साझा करने से नहीं रोक सकता। वे मुझे कूचबिहार में तीन दिनों के लिए अपने भाइयों और बहनों से मिलने से रोक सकते हैं, लेकिन मैं चौथे दिन वहां पहुंचूंगी!

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि वह रविवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगी। इसके लिए शनिवार शाम को ही वह सिलीगुड़ी पहुंच गई थीं और वहां से मीडिया  बात करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर साजिश रचने का आरोप लगाया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने सख्ती बरती है। 

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