संयुक्त राष्ट्र 10 अप्रैल (हि. स.)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को म्यांमार में सैन्य शासन के दौरान हिंसा पर विरोध जताया है। भारत ने म्यांमार में प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसा के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि वहां के हालात बेहद खराब हैं। इसके लिए विश्व को एकजुटता के साथ काम करना होगा। हालात बिगड़ने पर इसके दुष्परिणाम देश की सीमाओं के बाहर भी दिखाई पड़ सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के.नागराज नायडू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अर्रिया फार्मूले के दौरान म्यांमार पर हुई बैठक में कहा कि भारत, म्यांमार में हिंसा के इस्तेमाल और जानमाल के नुकसान की गहरी निंदा करता है।
उन्होंने कहा कि मानवीय सिद्धांतों को बनाए रखना महत्वपूर्ण है लेकिन इसके साथ वहां संयम का पालन करना आवश्यक है। नायडू ने कहा कि भारत के लिए म्यांमार में शांतिपूर्ण समाधान होना बहुत जरूरी है। म्यांमार के साथ भारत की लंबी भूमि और समुद्री सीमा जुड़ी है। म्यांमार के लोगों के साथ हमारे लंबे समय से मित्रतापूर्ण संबंध रहे हैं। हम वहां की राजनीतिक स्थिरता को लेकर बहुत चिंतित हैं।
वहीं, इससे पहले गुरुवार को ब्रिटेन में म्यांमार के अपदस्थ राजदूत ने ब्रिटिश सरकार से सेना द्वारा भेजे गए राजदूत को मान्यता नहीं देने और दूतावास का कामकाज संभालने वाले चिट विन को म्यांमार भेजने की अपील की। इस अपील का ब्रिटिश सरकार ने कोई जवाब तो नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने विन के साहस की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने म्यांमार में लोकतंत्र बहाली की मांग को एक फिर दोहराया है।