बीजिंग, 09 अप्रैल (हि.स.)। पराग्वे को ताइवान के माध्यम से भारत की एक लाख कोविड-19 वैक्सीन देने पर चीन भड़क गया है। जबकि चीन के वादाखिलाफी करते एक लाख वैक्सीन की डोज देने से इनकार करने पर ताइवान ने भारत के सहयोग से पराग्वे की मदद की। ताइवान के आधिकारिक बयान के अनुसार चीन इस मामले में बेवजह विवाद खड़ा कर रहा है।
ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू के इस खुलासे के बाद चीन ने ताइवान के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि ताइवान को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह चीन का हिस्सा है। ज्ञात रहे कि ताइवान को मान्यता देकर उसके साथ कूटनीतिक रिश्ते बनाने वाले दुनिया के 15 देशों में पराग्वे भी शामिल है।
चीन ने पहले पराग्वे को वैक्सीन देने का आश्वासन देने के बाद के बाद मुकर गया। जिसके बाद कोरोना संकट से जूझ रहे पराग्वे ने ताइवान की मदद ली। ताइवान के विदेश मंत्री वू ने भारत के साथ अमेरिका और जापान से वार्ता कर इस समस्या को सुलझा दिया।
वू ने कहा कि ताइवान से रिश्ता रखने के कारण पराग्वे की मदद के लिए प्रयास किया है।
वहीं, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झोऊ लिजिन ने कहा कि हम ताइवान को चेतावनी देते हैं कि वह वैक्सीन को राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल न करे। क्योंकि वैक्सीन या डॉलर डिप्लोमेसी से ताइवान का खुद को स्वतंत्र करने का सपना पूरा नहीं होगा।