घुसपैठ रोकने की मांग को लेकर गैर-राजनीतिक मंचों और नागरिक समाज द्वारा आहूत 24 घंटे के बंद का राज्य में आंशिक असर रहा है।

अगरतला, 23 अक्टूबर: घुसपैठ रोकने की मांग को लेकर गैर-राजनीतिक मंचों और नागरिक समाज द्वारा आहूत 24 घंटे के बंद का राज्य में आंशिक असर रहा है। आज सुबह से ही समर्थकों ने बंद को सफल बनाने के लिए नॉर्थ गेट, खोवाई, अंबासा, माधवबाड़ी, आशारामबाड़ी और बारामुरा में धरना देना शुरू कर दिया है। हड़ताली कार्यकर्ता विभिन्न रेलवे लाइनों पर मौजूद थे और उन्होंने सड़कें जाम करके और टायर जलाकर बंद को सफल बनाया। इसके अलावा, कार्यकर्ताओं ने भी विभिन्न रेलवे लाइनों पर धरना दिया।

बंद समर्थकों का धरना आज सुबह 5 बजे से शुरू हो गया है। उन्होंने अगरतला-खोवाई 108(बी) राष्ट्रीय राजमार्ग के लेम्बुछरा इलाके में सड़क जाम कर दिया। सुबह 5 बजे से ही तिप्रासा सिविल सोसाइटी ने सड़क पर टायर जलाकर और देश का राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। एडीसी ई.एम. रुनील देबबर्मा लेंबुछरा इलाके में मौजूद थे। राज्य बंद के समर्थन में अगरतला समेत 45 जगहों पर धरना चल रहा है।

रुनील देबबर्मा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए आरोप लगाया कि इस हड़ताल का फैसला केंद्र सरकार ने घुसपैठियों की वापसी की मांग को लेकर लिया है।

इस बीच, अगरतला उत्तरी द्वार के सामने मज़दूरों का बंद कार्यक्रम शुरू हो गया है। मज़दूर और समर्थक हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर टायर जलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पार्टी नेतृत्व रंजीत देबबर्मा और अन्य लोग आज मौके पर मौजूद हैं।