प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा- देश से नक्सलवाद और माओवादी हिंसा जल्द होगी पूरी तरह समाप्त

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि देश से नक्‍सलवाद और माओवादी हिंसा जल्‍द ही पूरी तरह समाप्‍त हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि पिछले 11 सालो में माओवादी आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं। श्री मोदी ने कल नई दिल्‍ली में एक वैश्विक सम्‍मेलन में यह बात कही।

प्रधानमंत्री ने कहा कि माओवादी आतंकवाद देश के युवाओं के प्रति बहुत बड़ा अन्याय और गंभीर पाप है। उन्‍होंने कहा कि पिछले दशक में हजारों नक्‍सलवादियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर आत्‍मसमर्पण किया है। इसमें पिछले 75 घंटों में ही 303  नक्‍सलवादियों का आत्‍मसमर्पण शामिल है। उन्‍होंने कहा कि 2014 से हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ दिग्‍भ्रमित युवाओं को सही राह पर लाने का कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 साल पहले 125 जिले नक्‍सलवाद से प्रभावित थे जिनकी संख्‍या अब मात्र 11 रह गई है। श्री मोदी ने कहा कि माओवादी अब विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं और खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि वे गलत रास्ते पर थे। उन्होंने कहा कि इस दिवाली माओवादी आतंकवाद से मुक्त क्षेत्र नये उत्साह के साथ खुशियों के दीप जलाकर उत्‍सव मनाएंगे।

पिछले पांच दशकों में माओवादी आतंक के दुष्‍परिणामों का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि नक्सली हिंसा में हजारों लोगों की जान चली गई, जिनमें अनेक सुरक्षाकर्मी और युवा नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवादियों ने स्कूलों और अस्पतालों के निर्माण में बाधा डाली और मौजूदा सुविधाओं पर बमबारी भी की। उन्होंने कहा कि देश का एक बड़ा क्षेत्र और आबादी का एक बड़ा हिस्सा दशकों तक विकास से वंचित रहा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि लंबे समय तक चली उपेक्षा का आदिवासी समुदायों पर असमान रूप से प्रभाव पड़ा और उन्‍हें हिंसा तथा पिछड़ेपन का खामियाजा भुगतना पड़ा।

विपक्ष की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी नक्सलियों का तंत्र इतना प्रभावशाली हो गया है कि देश के बाकी हिस्सों को विपक्षी शासन के दौरान माओवादी आतंकवाद की व्यापकता का अंदाज़ा ही नहीं रहा। श्री मोदी ने कहा कि शहरी नक्सलियों ने प्रमुख संस्थानों पर कब्ज़ा कर लिया है और माओवादी हिंसा पर चर्चा को दबाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है।