नईदिल्ली, 12 अक्टूबर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नवाचार, निवेश और बाज़ार पहुँच के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर और विकसित भारत का प्रमुख वाहक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। श्री मोदी ने कल नई दिल्ली में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 42 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं और योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र की दो प्रमुख योजनाओं, पीएम धन धान्य कृषि योजना और दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये दोनों योजनाएँ आत्मनिर्भरता, ग्रामीण सशक्तिकरण और कृषि नवाचार के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने देश की कृषि प्रणाली में तेज़ी से विकास और सुधारों को आवश्यक बताया।
श्री मोदी ने कहा कि सरकार ने देश के किसानों के हित में बीज से लेकर बाज़ार तक व्यापक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि ये सुधार भारतीय कृषि को आधुनिक, टिकाऊ और लचीला बनाने के उद्देश्य से किए गए संरचनात्मक बदलाव हैं।
सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले ग्यारह वर्षों में देश का कृषि निर्यात लगभग दोगुना हो गया है जबकि खाद्यान्न उत्पादन में लगभग नौ करोड़ मीट्रिक टन की वृद्धि हुई है। श्री मोदी ने कहा कि देश में छह नई उर्वरक कंपनियाँ स्थापित की गई हैं और पिछले 11 वर्षों में किसानों को 25 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए हैं।
इस अवसर पर कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों के साथ, सरकार ने कृषि उपकरणों पर जीएसटी दरों को कम करके किसानों को राहत प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमेशा किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि पीएम धन धान्य कृषि योजना नवाचार और समावेशी विकास के माध्यम से कृषि प्रधान भारत में बदलाव लाएगी। पीएम धन धान्य कृषि योजना 24 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाना और सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना है।
दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन 11 हजार 440 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य दालों की उत्पादकता में सुधार लाना और दालों की खेती का विस्तार करना है। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में पांच हजार 450 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 815 करोड़ रुपये की अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
